मेरी प्रकाशित पुस्तकें :-


(1) एक लपाग ( गढ़वाली कविता-गीत संग्रह)- समय साक्ष्य, (2) गढ़वाळि भाषा अर साहित्य कि विकास जात्रा (गढ़वाली भाषा साहित्य का ऐतिहासिक क्रम )-संदर्भ एवं शोधपरक पुस्तक - विन्सर प्रकाशन, (3) लोक का बाना (गढ़वाली आलेख संग्रह )- समय साक्ष्य, (4) उदरोळ ( गढ़वाली कथा संग्रह )- उत्कर्ष प्रकाशन ,मेरठ


Monday, December 19, 2022

डॉ. गोविन्द चातक जयन्ती के उपलक्ष्य पर आखर चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा गढ़ रत्न श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी को प्रदान किया गया 'डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान, वर्ष -2021'..©संदीप रावत, आखर,श्रीनगर गढ़वाल

      आखर चैरिटेबल ट्रस्ट,श्रीनगर गढ़वाल द्वारा डॉ. गोविन्द चातक जी की जयन्ती के उपलक्ष्य पर विगत वर्षों की भांति 18 दिसम्बर 2022(रविवार) को नगर पालिका सभागार(श्रीनगर गढ़वाल) में 'डॉ.गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान माला ' एवं डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ' कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में   सुप्रसिद्ध लोकगायक श्रद्धेय श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी को अपनी कालजयी रचनाओं से 'गढ़वाली भाषा' एवं 'गढ़वाली गीत साहित्य' में अमूल्य योगदान देने हेतु  'डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान, वर्ष -2021'प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें रुपए ग्यारह हजार (11,000/) की  धनराशि के साथ अंग वस्त्र , मानपत्र एवं 'आखर  विशेष स्मृति चिन्ह 'भेंट किया गया। ग्यारह हजार रुपए की सम्मान राशि डॉ.चातक जी के परिवार की ओर से दी गई। श्रद्धेय श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने यह सम्मान राशि 'आखर ट्रस्ट' को ट्रस्ट के संचालन हेतु दान कर दी ।
     सम्मानित विभूति उत्तराखण्ड के गौरव श्रद्धेय श्री नरेन्द्र सिंह नेगी  जी की  कालजयी गढ़वाली गीतों की चार  पुस्तकें प्रकाशित हैं । गढ़वाली काव्य गोष्ठीयों में भी श्रद्धेय नेगी जी की हमेशा सक्रिय, महत्वपूर्ण एवं अग्रणीय भूमिका रहती है। उनके गीतों ने गढ़वाली भाषा के लिए मानक और एक मातृभाषा आंदोलन का  काम किया है।
       'आखर 'श्रीनगर गढ़वाल द्वारा वर्ष 19 दिसम्बर  2017  में लोकसाहित्य के मूर्धन्य साहित्यकार डॉ. गोविन्द चातक जी की स्मृति में उनकी जयन्ती पर एक सफल विचार गोष्ठी और परिचर्चा का आयोजन शुरू  किया गया था।  सभी भाषा एवं  साहित्य प्रेमीजनों की शुभकामनाओं से गढ़वाली लोक साहित्य एवं भाषा के क्षेत्र में स्व.डॉ.गोविन्द चातक जी के भगीरथ योगदान से प्रेरणा लेकर  वर्ष -2018 से   डॉ.गोविन्द चातक जयन्ती के सुअवसर पर आखर समिति ,श्रीनगर गढ़वाल द्वारा 'डॉ.गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान'   आयोजन के साथ -साथ चातक परिवार के सहयोग से  'डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ' शुरू किया  गया था । तब से निरंतर  'आखर ' द्वारा यह सम्मान प्रदान किया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि 'आखर' अब 'आखर चैरिटेबल ट्रस्ट 'के रूप में अस्तित्व में है ।
          कार्यक्रम में  'डॉ. गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान ' के अंतर्गत कार्यक्रम में वक्ताओं ने लोक साहित्य एवं गढ़वाली भाषा -साहित्य में डॉ.गोविन्द चातक जी के अवदान को चिरस्मरणीय एवं अतुलनीय बताया। साथ ही विस्तारपूर्वक  उनके जीवन, व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर बात रखी गई । साथ ही कहा कि -'आखर' द्वारा डॉ. चातक जैसी विभूतियों को याद किया जाना और इस तरह के कार्यक्रम  आयोजित किया जाना प्रशंसनीय कार्य है।
       मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध लोक संस्कृति कर्मी, रंगकर्मी  प्रो. डी. आर. पुरोहित जी ने कहा कि- 'डॉ.चातक जी ने यहां के लोक साहित्य के  संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण  योगदान दिया है।आज लोक संस्कृति के लिए ऐसे ही और शोध कार्य किए जाने की आवश्यकता है। '
    कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद डॉ. विष्णु दत्त कुकरेती जी ने कहा कि -'डॉ. चातक जी  की जयन्ती के अवसर पर उन पर केन्द्रित'आखर ' द्वारा हर वर्ष जो कार्यक्रम आयोजित किया जाता है वह एक सराहनीय कार्य है। डॉ. चातक जी , श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी एवं प्रो. डी. आर. पुरोहित जी जैसे बिभूतियों से आज की पीढ़ी को सीख लेने की आवश्यकता है।'
    विशिष्ट अतिथि एवं लोक साहित्य की गहरी समझ रखने वाले प्रो. सम्पूर्ण सिंह रावत जी ने कहा कि -'डॉ.चातक जी ने यहाँ के सम्पूर्ण लोक साहित्य काे लिपिबद्ध करने का एक महत्वपूर्ण कार्य किया। हिंदी साहित्य में भी उनका  महत्वपूर्ण योगदान है।'
      इस अवसर पर श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने कहा कि - 'गढ़वाली भाषा  के सम्बर्धन हेतु आज बहुत प्रयास हो रहे हैं। गढ़वाली भाषा -साहित्य में आज बहुत लेखक काम कर रहे हैं। पाठ्यक्रम में भी अब गढ़वाली भाषा-साहित्य को रखा जाने लगा है तो यह गढ़वाली भाषा के लिए एक सुखद बात है।साथ ही कहा कि- डॉ.चातक जी ने यहां के लोक साहित्य के  संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण  एवं अविस्मरणीय योगदान दिया ।साथ ही कहा कि - 'आखर ट्रस्ट ' का इस ओर प्रयास सराहनीय है। यह सम्मान महत्वपूर्ण है क्यूंकि इस सम्मान के साथ एक लोक साहित्य ऋषि डॉ. चातक जी का नाम है।डॉ. चातक जी द्वारा संग्रहित लोक साहित्य से बहुत मैंने कुछ सीखा।' जो आजकल के गढ़वाली के नए गायक हैं  उनको बेहतर कवियों एवं गीतकारों से अच्छे गीत लेकर गाना चाहिए। और 
         अतिथि वक्ता  प्रसिद्ध गढ़वाली कवि एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्री वीरेंद्र पंवार जी ने कहा कि - 'जब भी उत्तराखंड के लोक साहित्य का जिक्र होगा तो डॉ. चातक जी का जिक्र  अवश्य होगा। 'उन्होंने  गढ़वाली लोक साहिय एवं गढ़वाली भाषा में डॉ.गोविन्द चातक जी द्वारा दिए गए अवदान पर  विस्तार से अपनी बात रखते हुए कहा कि-गढ़वाली भाषा में भी डॉ.चातक जी का काम अतुलनीय है । श्री पंवार जी ने गढ़वाली भाषा की वर्तमान स्थिति पर भी बात रखी गयी। 
         कार्यक्रम की शुरुआत लोक परम्परानुसार 'जौ' से भरे हुए 'पाथे'  में दीप प्रज्वलन, डॉ.गोविन्द चातक जी के चित्र पर माल्यार्पण /पुष्पांजलि एवं  ट्रस्ट की सदस्य - श्रीमती साक्षी रावत एवं बीरा चौहान द्वारा मांगल गीत की प्रस्तुति से हुई। मंचासीन अतिथियों का स्वागत माल्यार्पण, बुके देकर किया गया। कार्यक्रम की गरिमा बढ़ा रहे उपस्थित सभी अथितियों का स्वागत ट्रस्ट के  संस्थापक एवं अध्यक्ष संदीप रावत ने किया साथ ही 'आखर ' का परिचय सभी के सम्मुख रखा।
       कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के उपाध्यक्ष डॉ. नागेंद्र रावत ने किया। ट्रस्ट की सदस्य श्रीमती अनीता काला  जी ने डॉ.गोविन्द चातक जी का जीवन परिचय सामने रखा । ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष श्रीमती रेखा  चमोली ने श्रद्धेय नेगी जी  के सम्मान ने  सम्मान पत्र का वाचन किया। 
        ट्रस्ट के अध्यक्ष संदीप रावत ने सम्मानित विभूति श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से बात रखते हुए कहा कि -'श्रद्धेय नेगी जी ने अपने कालजयी गीतों के माध्यम से गढवाली भाषा को एक नया आयाम दिया और  इसे विश्व पटल पर पहचान दिलायी। श्रद्धेय नेगी जी ने हमेशा मुझ जैसे नए लेखकों को सदैव प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया। हिमालय जैसे विराट व्यक्तित्व के बावजूद भी सहज एवं सरल श्रद्धेय नेगी जी को सम्मानित करके 'आखर' आज स्वयं सम्मानित हुआ है और गौरवान्वित हुआ है।'
     साथ ही संदीप रावत ने कहा कि -इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड की  महान  विभूति डॉ.गोविन्द चातक जी की जयन्ती के अवसर पर गढ़वाली भाषा -साहित्य एवं लोक साहित्य में उनके योगदान से सभी को परिचित करवाने के साथ  जो  यहाँ के वरिष्ठ साहित्यकार हैं और जो गढ़वाली भाषा -साहित्य में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं, डॉ.चातक जी जैसे साहित्य साधक हैं उनका परिचय सभी के सम्मुख रखना एवं  ट्रस्ट द्वारा हर वर्ष 'डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान 'से ऐसी एक विभूति को सम्मानित करना है। आखर चैरिटेबल ट्रस्ट बहुत गम्भीरता से इस दिशा में काम करने का प्रयास कर रहा है।
         इस अवसर पर  डॉ.गोविन्द चातक जी के  परिवार की ओर से उनके पौत्र  एवं डॉ.गोविन्द चातक जी की सुपुत्री श्रीमती सुजाता कण्डारी बिष्ट जी के सुपुत्र  श्री सौरभ बिष्ट जी, विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मानित विभूति श्री नेगी जी की धर्मपत्नी श्रीमती ऊषा नेगी जी,अथिति प्रसिद्ध मंच संचालक एवं गढ़वाली पत्रिका 'धाद ' के सम्पादक श्री गणेश खुगसाल 'गणी  की उपस्थिति के साथ कार्यक्रम में सम्मानित मीडिया जगत,  श्रीनगर की सम्भ्रांत जनता उपस्थित थी ।
       घंटाकर्ण देवता के रावल श्री दिनेश जोशी जी,श्री भरत सिंह कंडारी जी,श्री दर्शन सिंह भंडारी जी , डॉ. अरुण कुकसाल जी,प्रसिद्ध समाज सेवी श्री अनिल स्वामी जी ,अजीम प्रेमजी फाउंडेसन के डॉ.प्रदीप अंथवाल जी,प्रसिद्ध रंगकर्मी श्री विमल बहुगुणा जी, गढ़ कवि श्री देवेंद्र उनियाल जी, श्रीमती बिमला राणा जी,श्रीमती गंगा असनोड़ा थपलियाल जी ,श्रीमती उपासना कर्नाटक जी,श्री शम्भू प्रसाद स्नेहिल जी,श्री मुकेश काला जी,श्री गंभीर सिंह रौतेला जी,श्रीनगर व्यापार सभा अध्यक्ष श्री दिनेश असवाल जी,श्री वासुदेव कंडारी, श्री दिनेश पटवाल जी,श्री जीतेन्द्र धीरवान जी,डॉ.गोविन्द चातक जी के गाँव से  श्री रघुबीर सिंह कंडारी जी , श्री महेन्द्र बंगवाल जी,डॉ. नीतेश बोंठियाल जी, पौड़ी से डॉ. नीलम नेगी जी एवं श्रीमती लक्ष्मी पंवार जी,श्री राजेंद्र रावत जी,सबधारखाल पौड़ी से श्रीमती लक्ष्मी बिष्ट जी, श्रीमती रश्मि रतूड़ी जी,आखर के वरिष्ठ सदस्य श्री देवेश्वर प्रसाद खंडूरी जी,डॉ. गिरीश चन्द्र भट्ट जी,श्री नन्दकिशोर नैथानी जी , डॉ. अशोक कुमार बडोनी जी, श्री विभोर बहुगुणा जी,श्री महेंद्र सिंह नेगी जी,श्री प्रभाकर बाबुलकर जी, श्रीमती संध्या नौटियाल डिमरी जी, वन्दना नेगी जी, रेखा पटवाल जी,श्रीमती सायिनी कृष्ण उनियाल जी,श्रीमती मीना डोभाल जी,श्रीमती संगीता पंवार जी,श्रीमती ज्योति जैन मेवाड़,श्री सतीश काला जी, डांग व्यापार सभा अध्यक्ष श्री सौरभ पाण्डेय, श्रीमती अंशी कमल जी, श्रीमती ज्योति रावत जी, देहरादून से आखर के ट्रस्टी श्री विक्रम रावत जी एवं श्री गोविन्द मेहता जी,ट्रस्टी श्रीमती बविता थपलियाल जी ,ट्रस्ट की मुख्य ट्रस्टी श्रीमती लक्ष्मी रावत जी ,  ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष  श्रीमती रेखा चमोली जी ,सदस्य- श्रीमती साक्षी रावत जी ,श्रीमती अनीता काला जी, श्रीमती बीरा चौहान जी , मयंक पंवार, कु. प्रियंका पंवार, कु. अर्चना बिष्ट, कुलदीप मेवाड़,कु. श्वेता पंवार , कु. अर्चना बिष्ट, ,शिक्षक -शिक्षिकाओं, साहित्यिक एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़े व्यक्तियों की उपस्थिति में कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ।
      
       'आखर चैरिटेबल ट्रस्ट' के संस्थापक /अध्यक्ष संदीप रावत ने कार्यक्रम के अंत में उपस्थित मंचासीन अथितियों,  श्रीनगर की कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य जनता , मीडिया जगत के साथ ही अपने सभी सम्मानित ट्रस्टियों -कार्यक्रम में उपस्थित ट्रस्ट के उपाध्यक्ष डॉ. नागेंद्र रावत जी,  कोषाध्यक्ष -श्रीमती रेखा चमोली जी,ट्रस्टी  श्री विक्रम रावत जी,श्री गोविन्द मेहता जी,ट्रस्टी बविता थपलियाल जी,मुख्य ट्रस्टी श्रीमती लक्ष्मी रावत जी , सदस्य -श्री सौरभ बिष्ट जी,श्रीमती साक्षी रावत जी, श्रीमती बीरा चौहान जी ,श्रीमती अनीता काला जी,श्वेता पंवार एवं अर्चना बिष्ट का आभार प्रकट करने के साथ नगरपालिका परिषद की माननीय अध्यक्ष श्रीमती पूनम तिवाड़ी जी का कार्यक्रम हेतु नगरपालिका सभागार उपलब्ध कराने हेतु विशेष आभार, धन्यवाद व्यक्त किया।
                                               संदीप रावत
                                        आखर चैरिटेबल ट्रस्ट 
                                               श्रीनगर गढ़वाल