"शिक्षक, शोधार्थी, शिक्षा का क्षेत्र मा नया -नया प्रयोग कन्न वळा, लेखक अर " हारा हुआ राम " पुस्तक का रचयिता श्री विश्वबंधु चंदाेला जी अब नि रैनि।"
दगड्यो प्रणाम 🙏अब त बिल्कुल कखि बि मन नि लगणु कखि बि। दुःख भरी खबर ही सुणणाै मिलणी छन ।माफि चांदु 😭😭🙏🙏एक दुखद खबर छ कि - डॉ0 विश्वबंधु चंदोला जी जो कि 'आखर ' कि सदस्य, शिक्षिका अर कवयित्री श्रीमती सरिता चंदोला जी का हसबैंड अर कवयित्री श्रीमती उमा घिल्डियाल जी का भुला छायि,भग्यान ह्वे ग्येनि । मि तैं ब्याळी ब्याखुणी कै वाट्सप्प ग्रुप से पता चली कि वूं को परसि 07मई 2021 खुणी स्वर्गवास ह्वे गे अर अबारी हरिद्वार मा पोस्टेड छा अर अपणा बच्चों दगड़ा रौंदा छा। वो डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर SSA पौड़ीअर डायट चड़ीगांव मा प्रवक्ता पद परैं बि रैनि अर वां से पैलि विकासखंड कीर्तनगर का रा0 इ0 का0 न्यूली मा सहायक अध्यापक गणित का पद पर कार्यरत छा।
श्री चंदोला जी पुस्तकाें अर साहित्याै गहन अध्ययन कन्न वळा, एक शोधार्थी, शिक्षा का क्षेत्र मा नै - नै प्रयोग कन्न वळा, शिक्षक होणा दगड़ा एक बढ़िया 'लेखक ' अर एक उम्मदा कलाकार(पेंटिंग /स्कैच ) बि छायि। सन 2003 मा वूं कि " हारा हुआ राम " पुस्तक रूप मा प्रकाशित एक रोचक वैचारिक कथा अभिव्यक्ति छ, जै मा वूंन भगवान श्री राम का मिथक तैं एक नयो अर्थ देणै कोशिश करी।
मि जब जूनियर हाईस्कूल मा शिक्षक छौ अर त वूं दगड़ा भेंट पैलि बार ह्वे छै अर वूंन मि तैं प्रेरित करी छौ कि - "आप कुछ नया कीजिए और यदि कुछ लिखते हैं या कुछ नया करते हैं तो उसका प्रकाशन भी जरूरी है ।" श्री चंदोला जी कि बोलीं य बात मेरा दिमाग मा बैठी गे छै। मि तैं य बात बार -बार याद आंद ।
मि जब जूनियर हाईस्कूल मा शिक्षक छौ अर त वूं दगड़ा भेंट पैलि बार ह्वे छै अर वूंन मि तैं प्रेरित करी छौ कि - "आप कुछ नया कीजिए और यदि कुछ लिखते हैं या कुछ नया करते हैं तो उसका प्रकाशन भी जरूरी है ।" श्री चंदोला जी कि बोलीं य बात मेरा दिमाग मा बैठी गे छै। मि तैं य बात बार -बार याद आंद ।
श्री चंदोला जी कु निवास न्यू डांग मा छ। वू भौत ही कर्मठ, ईमानदार अर एक प्रखर वक्ता छा। सैद भगवानै यी इच्छा छै कि -एक विद्वान,क्रिएटिव, मिलनसार, सामाजिक,मजाकिया अर खुश मिजाज मनखी इथगा जल्दी हमारा बीच बटि चली जाला 🙏। काल का अगनै क्वी बि जीति नि सकदु यीं बात तैं अपणि पुस्तक "हारा हुआ राम " का माध्यम से समाज तैं सजग कन्न वळा श्री विश्वबंधु चंदोला जी ये नश्वर संसार मा भौतिक रूप से हारि गैनि पर वू अपणि ईं कृति रचना का माध्यम से कालजयी बण्या राला।
भगवान वूं कि आत्मा तैं शान्ति दियां, अपणा ठाै मा जगा दियां अर वूं का परिवार तैं ये दुःख तैं सहन कन्नै सक्या दियां ।🙏🙏🙏 विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🙏🙏
ॐ शांति.. शांति 🙏🙏🙏
संदीप रावत
न्यू डांग, श्रीनगर गढ़वाल।
संदीप रावत
न्यू डांग, श्रीनगर गढ़वाल।
भैजी थैं विनम्र श्रद्धांजलि। ईश्वर ऊंनकी आत्मा थैं शांति प्रदान करेंन
ReplyDeleteविनम्र भावपूर्ण श्रद्धांजलि! हे प्रभु उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें 👏👏।
ReplyDeleteचंदोला जी के बारे में सुनकर बहुत धक्का लगा चंदोला जी मेरे भी मित्र थे हालांकि पिछले लगभग 10 वर्षों से मुलाकात नही हो पाई थी हारा हुआ राम नामक पुस्तक जब चंदोला जी लिख रहे थे उन दिनों हमारी बहुत बातचीत हुआ करती थी
ReplyDeleteचंदोला जी को विनम्र भावपूर्ण श्रंद्धाजलि
RIP
भौत दुःखद घटना च भगवान पुण्य आत्मा तें स्वर्ग मा जगा दे।
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