मेरी प्रकाशित पुस्तकें :-


(1) एक लपाग ( गढ़वाली कविता-गीत संग्रह)- समय साक्ष्य, (2) गढ़वाळि भाषा अर साहित्य कि विकास जात्रा (गढ़वाली भाषा साहित्य का ऐतिहासिक क्रम )-संदर्भ एवं शोधपरक पुस्तक - विन्सर प्रकाशन, (3) लोक का बाना (गढ़वाली आलेख संग्रह )- समय साक्ष्य, (4) उदरोळ ( गढ़वाली कथा संग्रह )- उत्कर्ष प्रकाशन ,मेरठ


Thursday, February 25, 2021

** भारत सरकार के 'महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा )'में पौड़ी जनपद में 'लोकपाल ' पद पर प्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार, समालोचक, समाज वैज्ञानिक एवं 'आखर ' समिति के मार्गदर्शक डॉ.अरुण कुकसाल की नियुक्ति **

श्रीनगर गढ़वाल - 
           बहुत ही हर्ष का विषय है कि - प्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार, समालोचक, समाज वैज्ञानिक एवं  'आखर ' समिति  के मार्गदर्शक श्रद्धेय डॉ.अरुण कुकसाल जी को भारत सरकार  के प्रतिनिधि के रूप में ' महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ' से सम्बद्ध शिकायतों के निवारण एवं उनके अनुश्रवण के लिए चयन समिति की संस्तुति के आधार पर उत्तराखंड के जनपद पौड़ी (गढ़वाल) में 'लोकपाल ' के  महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है।
       सर्वविदित है कि समाज वैज्ञानिक, प्रशिक्षक, लेखक और घुमक्कड़ डाॅ. अरुण कुकसाल का पैतृक गांव 'चामी '( असवालस्यूं )  पौड़ी गढ़वाल में  है। वे अर्थशास्त्र विषय में पीएच.डी. हैं। हिमालयी समाज के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक मुद्दों पर पत्र - पत्रिकाओं तथा सोशियल मीडिया में नियमित लेखन करते हैं। डाॅ. कुकसाल की उद्यमिता विकास, यात्रा साहित्य तथा सांस्कृतिक विषयक 7 पुस्तकें प्रकाशित हैं। उद्यमिता शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 'राष्ट्रीय उद्यमी उत्प्रेणा प्रशिक्षक सम्मान' प्राप्त है। 
      अनगिनत पुस्तकों का  गहन अध्ययन कर उनकी समलोचना करने वाले डॉ. अरुण कुकसाल जी     आकाशवाणी के नियमित वार्ताकार हैं। विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखंड की पाठ्यचर्या में उद्यमिता विकास पाठ्यक्रम के समावेश में महत्वपूर्ण योगदान है।
 
       'गिरी विकास अध्ययन संस्थान 'उ.प्र., लखनऊ ( जीआईडीएस ),  उद्यमिता विकास संस्थान उ.प्र., लखनऊ ( आईईडीयूपी ), राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, उत्तराखंड ( एससीईआरटी ) तथा राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्, उत्तराखंड ( यूकाॅस्ट ) में महत्वपूर्ण पदों पर प्रशंसनीय एवं महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

     वर्ष-2016 में स्वैच्छिक सेवा - निवृत्ति के बाद वर्तमान में आदरणीय डाॅ. अरुण कुकसाल जी  अपने पैतृक गांव ' चामी' में बच्चों, युवाओं और महिलाओं के लिए पुस्तकालय संचालन, कम्प्यूटर प्रशिक्षण तथा कैरियर मार्गदर्शन के कार्य में सक्रिय हैं। साथ ही बतौर समाज सेवी के रूप में  अभी तक 15 बार रक्तदान कर चुके हैं। डॉ. कुकसाल जी का  सानिध्य, मार्गदर्शन  एवं आशीर्वाद आखर ' समिति को सदैव  मिला है। 

         'लोकपाल' जैसे इस महत्वपूर्ण पद पर चयनित होने पर आदरणीय डॉ.अरुण कुकसाल जी को  मेरी एवं  'आखर ' परिवार  की ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
                                            संदीप रावत 
                                   अध्यक्ष - 'आखर 'समिति 
                                        श्रीनगर गढ़वाल।

Sunday, February 21, 2021

श्रीनगर गढ़वाल- 'आखर समिति ' ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (संदीप रावत )

"आखर समिति ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस "

श्रीनगर गढ़वाल - आखर समिति ने 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर शगुन वेडिंग प्वाइंट (यूनिटी स्क्वायरभवन) में कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने मातृभाषा के पक्ष में, गढ़वाली को बढ़ावा देने एवं इस भाषा के विकास हेतु अपनी-अपनी बात रखी और इस बात पर जोर दिया कि - "आम जन को अपनी मातृभाषा के विकास व संरक्षण हेतु आगे आना ही होगा एवं नई पीढ़ी को अपनी मातृभाषा से जोड़ने का संकल्प लेना ही होगा ,क्योंकि हमारी मातृभाषा हमारी पहचान है और यह हमारी अस्मितता से जुड़ी है। "
    आखर समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत अथितियों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं नवोदित कवयित्री कंचन पंवार द्वारा गढ़वाली सरस्वती वंदना से हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद डॉ.विष्णुदत्त कुकरेती ने की। कार्यक्रम में प्रसिद्ध समाजसेवी व आन्दोलनकारी श्री अनिल स्वामी ,श्री डी. पी.खंडूड़ी ,डॉ0 अरुण कुकसाल, शिक्षक व रा. शि. संघ के पूर्व मण्डलीय महामंत्री श्री शिव सिंह नेगी विशिष्ट अथिति के रूप मे उपस्थित थे। श्रीमती आरती पुंडीर ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया।
    डॉ. अरुण कुकसाल ने कहा कि - "हमें मातृभाषा बचाने की पहल अपने घर से करनी होगी। साथ ही मातृभाषा के सम्बर्धन हेतु इस तरह के प्रयास बहुत आवश्यक हैं। "                कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.विष्णुदत्त कुकरेती  ने कहा कि - " अपनी मातृभाषा के संरक्षण एवं सम्बर्धन हेतु उसे अपने दैनिक जीवन में प्रयाेग करना होगा, सभी को इसे व्यवहार में लाना होगा । " श्री शिव सिंह नेगी ने कहा कि - "मातृभाषा के संरक्षण में संदीप रावत और आखर समिति के प्रयास व योगदान प्रेरणादायी हैं । गढ़वाली भाषा के संरक्षण एवं सम्बर्धन हेतु नई पीढ़ी को इससे जोड़ना होगा। "
     प्रसिद्ध समाजसेवी श्री अनिल स्वामी ने इस अवसर पर कहा कि - " इस तरह के कार्य समाज के लिए प्रेरणादायी हैं।गढ़वाली भाषा के संरक्षण हेतु 'आखर ' का यह प्रयास प्रेरक व सराहनीय है। "
      श्रीकृष्ण उनियाल, श्री विजय मेवाड़, शगुन रेस्टोरेंट के श्री प्रमोद उनियाल , श्री अरुणेश मैठाणी, श्री कमलेश बडोनी, डॉ.सुभाष पांडेय , श्री विभोर बहुगुणा,
श्रीमती आरती पुण्डीर ,श्रीमती बबीता थपलियाल मैठाणी, श्रीमती रेखा चमोली, , श्रीमती अंशी कमल, श्रीमती अनिता काला, श्रीमती राधा मैंदोली, श्रीमती सायिनी उनियाल, कंचन पंवार, श्वेता पंवार आदि गणमान्य लोग शामिल थे।
       इस अवसर पर कार्यक्रम में गढ़वाली कवयित्रियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। साथ ही उपस्थिति समस्त अन्य अतिथियों ने भी अपने -अपने विचार गढ़वाली में रखे।
गढ़वाली भाषा-साहित्य के लिए समर्पित 'आखर 'समिति के अध्यक्ष संदीप रावत ने कहा कि - "आखर समिति उत्तराखण्ड मातृभाषा अभियान ' द्वारा उत्तराखण्ड की मातृभाषाओं के पक्ष में लगभग पिछले एक महीने से अलग-अलग क्षेत्र एवं अलग- अलग पेशे से जुड़े व्यक्तियों के वीडियो के माध्यम से भी सोशल मीडिया पर इस अभियान को चला रही है। इस अभियान की संकल्पना एवं विचार गुजरात सूरत में रहने वाले 'आखर 'के सक्रिय एवं वैचारिक सदस्य गीतेश नेगी की है। इस कार्यक्रम का मुख्य मकसद ये है कि - अपनी मातृभाषा के प्रति यहाँ का समाज जागरूक हो। "
     कार्यक्रम का संचालन आखर की सक्रिय सदस्य कवयित्री एवं मोटिवेशनल स्पीकर श्रीमती बविता थपलियाल ने किया। अंत मे 'आखर' के अध्यक्ष संदीप रावत ने उपस्थित सभी अथितियों का आभार व्यक्त किया।  

Monday, February 1, 2021

#उत्तराखण्ड मातृभाषा अभियान मा आखर#*21 फरवरी खुणी अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस परैं आखर समिति द्वारा आयोजित होलु कार्यक्रम*

श्रीनगर गढ़वाल - #उत्तराखण्ड मातृभाषा अभियान  मा आखर#
*21 फरवरी खुणी  अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस परैं आखर समिति द्वारा उर्ये जालो कार्यक्रम*
       श्रीनगर का  शगुन रेस्टोरेंट मा  गढ़वाळि भाषा- साहित्य तैं समर्पित  "आखर " कि बैठक  ह्वे , जै मा आखर द्वारा चलाए जाण वळा "उत्तराखंड मातृभाषा अभियान " परैं चर्चा  ह्वे।  ये अभियानै  संकल्पना युवा गढ़वाळि साहित्यकार अर  ' आखर ' का सक्रिय सदस्य सूरत (गुजरात ) मा रौण वळा  गीतेश नेगी कि छ जै मा उत्तराखंड का  सब्बि  रैबासी - प्रवास्यों अर संस्थाओं से ये अभियान मा शामिल होंणै धै- धाद  लगाये जाणि छ। मातृभाषा परैं सामाजिक चिन्तन अर गम्भीरता से वूं का संरक्षण संवर्धन अर अपणा  दैनिक जीवन मा वूं को व्यवहारिक प्रयोग परैं जोर दीणै कोसिस करे जाणि च।
         'आखर ' दगड़ि समाज की हौरि बि प्रबुद्ध संस्था ,बुद्विजीवियों अर साहित्यकारों भौत बढ़िया वैचारिक सहयोग ईं दिशा मा मिलणू  छ अर भौत सारी  संस्था 21 फरवरी,  अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस  परैं  कार्यक्रम आयोजित कन्नै तैयारी कन्नी छन। 
         ईं  बैठक मा य बात  तै ह्वे  कि  21फरवरी  खुणी आखर समिति  'अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस ' परैं कार्यक्रम आयोजित कारलि।  बैठक मा ईं बात परैं बि  भाैत नाराजगी व्यक्त कर्ये गे कि -  अब्बि तक उत्तराखंड का गौरव , गढ़वाळि गीत -संगीत का युगपुरुष अर कालजयी रचनाकार श्रद्धेय" श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी " तैं  क्वी "पद्म "सम्मान किलै नि दिए गे। 
          आखर कि ईं  बैठक मा  पिछला मैना दिवंगत होंण वळा   वरिष्ठ  गढ़वाळि कथाकार श्री बृजेन्द्र कुमार नेगी जी तैं बि श्रद्धांजलि अर्पित कर्ये ग्ये।  बैठक मा श्री मुकेश काला, श्री प्रभाकर बाबुलकर, श्री राकेश जिर्रवाण,  संदीप रावत ,  श्रीमती अनीता काला , श्रीमती बवीता थपलियाल मैठाणी,  श्रीमती आरती पुंडीर, श्रीमती रेखा चमोली छा। 
                                                संदीप रावत
                                         अध्यक्ष - आखर समिति 
                                             श्रीनगर गढ़वाल ।