मेरी प्रकाशित पुस्तकें :-


(1) एक लपाग ( गढ़वाली कविता-गीत संग्रह)- समय साक्ष्य, (2) गढ़वाळि भाषा अर साहित्य कि विकास जात्रा (गढ़वाली भाषा साहित्य का ऐतिहासिक क्रम )-संदर्भ एवं शोधपरक पुस्तक - विन्सर प्रकाशन, (3) लोक का बाना (गढ़वाली आलेख संग्रह )- समय साक्ष्य, (4) उदरोळ ( गढ़वाली कथा संग्रह )- उत्कर्ष प्रकाशन ,मेरठ


Monday, November 14, 2022

डॉ.हर्ष मणि पाण्डेय जी को मिला 'शिवदर्शन सिंह नेगी स्मृति आखर विज्ञान शिक्षक सम्मान,वर्ष -2022' ©संदीप रावत, श्रीनगर गढ़वाल

स्थान - बिलकेदार(नेगी लॉज )श्रीनगर गढ़वाल।
   
       शिक्षा को समर्पित राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित विज्ञान शिक्षक स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी  की जयन्ती के अवसर पर  शिक्षक डॉ. हर्ष मणि पाण्डेय जी को प्राप्त हुआ   'शिवदर्शन सिंह नेगी स्मृति आखर विज्ञान शिक्षक सम्मान, वर्ष -2022'
      
           दिनाँक 13 नवंबर(रविवार )2022 को  प्रसिद्ध समाज सेवी, साहित्यकार, विज्ञान-गणित शिक्षण के नवाचारी,कल्पनाशील एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित आदर्श शिक्षक स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी(पूर्व प्रधानाचार्य रा.उ.मा.वि. मंजाकोट, चौरास,टि.ग.) की जयन्ती  के उपलक्ष्य में 'आखर चैरिटेबल ट्रस्ट' द्वारा विगत वर्ष की भांति  उन्हीं के निवास 'नेगी लॉज बिलकेदार, श्रीनगर गढ़वाल' में स्व. नेगी जी पर केंद्रित व्याख्यान माला एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया ।
            विगत वर्ष 'आखर चैरिटेबल ट्रस्ट' द्वारा स्व.शिवदर्शन सिंह नेगी जी की  जयन्ती के अवसर पर उनकी स्मृति में  'शिवदर्शन सिंह नेगी स्मृति आखर विज्ञान शिक्षक सम्मान' की शुरुआत की गई थी। कार्यक्रम में इस वर्ष यह सम्मान अर्थात 'शिवदर्शन सिंह नेगी स्मृति आखर विज्ञान शिक्षक सम्मान(वर्ष -2022) विद्यालयी शिक्षा स्तर पर  विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र में  नवाचारी प्रयोग करने, शिक्षा में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग,अपने छात्रों  को राज्य के साथ राष्ट्रीय स्तर पर  प्रतिभाग करवाने  हेतु डॉ. हर्षिमणि पाण्डेय जी ( प्रवक्ता,रा.इ.कॉ.हिंसरियाखाल, टिहरी गढ़वाल )को  प्रदान किया गया । सम्मान स्वरूप सम्मानित शिक्षक को अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, विशेष आखर स्मृति चिह्न एवं पाँच हजार एक सौ (5100/-) रुपए की धनराशि भेंट की गई।
         कार्यक्रम की शुरुआत मंचासीन  अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन,स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी  के चित्र पर माल्यार्पण /पुष्पांजलि अर्पण,ट्रस्ट की सदस्य साक्षी रावत जी एवं बीरा देवी चौहान जी द्वारा मांगल गीत की प्रस्तुति से हुई। सभी मंचासीन अथितियों का स्वागत माल्यार्पण, बैच अलंकरण एवं बुके देकर किया गया। इस कार्यक्रम/सम्मान समारोह की स्मृति के रूप में ' आखर स्मृति चिह्न' सभी मंचसीन अथितियों को सादर भेंट किए गए।
         कार्यक्रम  एवं सम्मान समारोह के मुख्य अथिति प्रोफेसर प्रोफेसर एम.एस. नेगी जी (अधिष्ठाता छात्र कल्याण, हे.न.ब.गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर गढ़वाल) ने 'आखर ट्रस्ट' की इस  पहल की सराहना करते हुए कहा कि  - 'स्व. नेगी जी जिन्होंने समाज एवं शैक्षिक जगत में अपना चिर स्मरणीय योगदान दिया है, उनको याद किया जाना बहुत आवश्यक है। साथ ही कहा कि - 'आखर ट्रस्ट इस दिशा में गंभीरता से काम कर रहा है।'
       आखर चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष  संदीप रावत ने स्व. नेगी जी के साथ के अनुभव साझा करते हुए कहा कि -  'स्व. नेगी जी  मेरे गुरु एवं मार्गदर्शक थे। उन्होंने मुझे कुछ न कुछ नया करने हेतु एवं लीक से हटकर कार्य करने हेतु सदैव प्रेरित किया एवं यह सम्मान  उनकी जयन्ती के सुअवसर पर हर वर्ष एक विज्ञान शिक्षक को प्रदान किया जाएगा।'
      अति विशिष्ट अतिथि खण्ड शिक्षा अधिकारी, कीर्तिनगर डॉ. यशवन्त नेगी जी ने इस अवसर पर कहा कि 'स्व.नेगी जी ने शिक्षा के क्षेत्र,छात्र हित एवं समाज में सदैव अग्रणीय भूमिका निभाई।विज्ञान -गणित शिक्षण में जो प्रयोग आज किए जा रहे हैं, वो प्रयास उन्होंने बहुत पहले शुरू कर दिए थे।
       विशिष्ट अतिथि  जिलाध्यक्ष,राजकीय शिक्षक संघ, (टिहरी गढ़वाल) श्री दिलवर सिंह रावत जी ने इस अवसर पर कहा कि -'आखर अपने गठन से ही  अलग हटकर कार्य कर रहा है। स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी एक आदर्श शिक्षक थे एवं  सभी शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।स्व. नेगी जी ऐसे शिक्षक थे जिन्होंने तो राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए भी मना कर दिया था, विभागीय अधिकारियों ने ही उनका नाम इसके लिए भेजा।'
        सम्मानित होने वाले शिक्षक डॉ. हर्षमणि पाण्डेय जी ने कहा कि - 'स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी एक ऐसी महान विभूति थे सबके लिए अपने प्रेरणादाई पदचिह्न छोड़ गए हैं।'डॉ. पाण्डेय जी ने स्व. नेगी जी के साथ के अपने अनुभव साझा किए।
         कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में दिवंगत शिवदर्शन सिंह नेगी जी की धर्मपत्नी एवं अवकाश प्राप्त शिक्षिका आदरणीय श्रीमती बिमलेश्वरी जी  ने स्व. नेगी जी के जीवन से जुड़े कुछ अनछुए पहलुओं को सबके सम्मुख रखा। साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित सभी का आभार व्यक्त किया।
          कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एवं गढ़वाल  केंद्रीय विश्वविद्यालय में पुरातत्व विभाग के असिस्टेंट प्रो.डॉ.नागेंद्र रावत जी ने किया। श्री दीवान सिंह मेवाड़ जी ने स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी का व्यक्तित्व, शिक्षा और समाज में दिए उनके योगदान को सबके सम्मुख रखा। राकेश जिर्वाण हंस ने डॉ. हर्षमणि पाण्डेय जी का परिचय एवं किए जा रहे कार्य सबके सम्मुख रखा।
       कार्यक्रम एवं सम्मान समरोह में ट्रस्टी रेखा चमोली (कोषाध्यक्ष )जी , ट्रस्टी लक्ष्मी रावत जी , ट्रस्टी श्री दीवान सिंह मेवाड़ जी , ट्रस्टी श्रीमती अंजना घिल्डियाल जी , सदस्य कु. श्वेता पंवार एवं राकेश जिर्वान हंस ,श्री नन्द किशोर नैथानी जी,श्री भूपेंद्र सिंह नेगी जी, डॉ. हर्षमणि पाण्डेय जी की धर्मपत्नी श्रीमती रजनी पाण्डेय जी,श्री भास्करानन्द भट्ट जी, श्री गोविन्द कठेत जी, पिंकी गुसाईं जी,श्रीमती गंगा असनोड़ा थपलियाल जी , रा. शि. संघ कीर्तिनगर ब्लॉक के पूर्व अध्यक्ष श्री राजेश सेमवाल जी , श्री विजय मोहन गैरोला जी ,  जी. जी. आई. सी. पौड़ी से श्रीमती श्वेता बिष्ट रौतेला जी, पौड़ी इंटर कॉलेज से श्री भूपेंद्र सिंह नेगी जी,श्री तेजपाल ,श्री चतर लिंगवाल जी, श्री ओम प्रकाश सैलानी जी,श्री रणजीत जाखी जी,जखोली से श्री बीरेंद्र राणा जी, श्री लाल सिंह नेगी जी, श्री कनक पुंडीर जी, श्री गजेंद्र पुंडीर जी,श्री मनमोहन रावत जी, श्री प्रभाकर बाबुलकर जी, श्री राम रतन सिंह जी, श्री रणजीत जाखी जी,श्रीमती लीला देवी बिष्ट जी ,श्रीमती परमेश्वरी बिष्ट जी,सहित कई अन्य शिक्षक एवं मीडिया जगत से जुड़े व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति थी।
     अन्त में 'आखर  चैरिटेबल ट्रस्ट 'के अध्यक्ष संदीप रावत ने  कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह मे उपस्थित सभी मंचासीन अतिथियों, सम्मानित अतिथियों एवं मीडिया जगत का आभार व्यक्त किया। साथ ही  ट्रस्ट के कार्यक्रम में उपस्थित सभी ट्रस्टियों का आभार एवं ट्रस्ट की संरक्षक,  कार्यक्रम अध्यक्ष आदरणीय श्रीमती बिमलेश्वरी नेगी जी का विशेष आभार व्यक्त किया।आखर के वरिष्ठ सदस्य श्री देवेश्वर प्रसाद खंडूड़ी जी,सम्मानित होने वाले शिक्षक डॉ. हर्षमणि पाण्डेय जी की धर्मपत्नी श्रीमती रजनी पाण्डेय जी, आखर ट्रस्ट की सक्रिय सदस्य कु. श्वेता पंवार, कार्यक्रम में मांगल गीत की प्रस्तुति देने वाले श्रीमती साक्षी रावत जी एवं श्रीमती बीरा देवी चौहान जी को भी कार्यक्रम की स्मृति के रूप में 'आखर स्मृति चिह्न' सादर भेंट किए गए।
        यह सम्मान समारोह 'स्व.शिवदर्शन सिंह नेगी जी की धर्मपत्नी, अवकाश प्राप्त शिक्षिका एवं ट्रस्ट की संरक्षक आदरणीय श्रीमती बिमलेश्वरी नेगी जी के सहयोग से आयोजित किया गया । 'आखर  चैरिटेबल ट्रस्ट ' द्वारा स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी की जयन्ती के सुअवसर पर 'यह सम्मान समारोह एवं स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी पर केंद्रित व्याख्यान माला का आयोजन आगे भी हर वर्ष आयोजित किया जाता रहेगा ।
                                        संदीप रावत
                                 (संस्थापक एवं अध्यक्ष)
                                 आखर चैरिटेबल ट्रस्ट 
                                   श्रीनगर गढ़वाल।

Monday, November 7, 2022

आखर ट्रस्ट के तत्वाधान में आधुनिक भाषा विभाग के प्रो. सुरेश ममगाईं जी द्वारा लिखित पुस्तक     (गढ़वाल:इतिहास, संस्कृति, भाषा एवं साहित्य ) लोकार्पित -संदीप रावत, श्रीनगर गढ़वाल।

श्रीनगर गढ़वाल -

       "आखर चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वाधान में सम्पन्न हुआ  प्रो. सुरेश ममगाईं जी द्वारा लिखित पुस्तक     (गढ़वाल:इतिहास, संस्कृति, भाषा एवं साहित्य )का लोकार्पण "
         06 नवम्बर 2022 को राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी के आधुनिक भाषा विभाग के प्रो. सुरेश ममगाईं जी की महत्वपूर्ण पुस्तक 'गढ़वाल-इतिहास, संस्कृति, भाषा एवं साहित्य ' का लोकार्पण स्क्वायर यूनिटी भवन (अंजलि मेडिकल स्टोर भवन )में स्थित 'शगुन रेस्टोरेंट 'में  मंचासीन मुख्य अतिथि हे.न. ब. गढ़वाल विश्वविद्यालय की हिंदी विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष  प्रो. उमा मैठाणी (अवकाश प्राप्त)जी , कार्यक्रम अध्यक्ष हे.न. ब. गढ़वाल केंद्रीय विश्व विद्यालय श्रीनगर गढ़वाल के राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एम. एम. सेमवाल जी , विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध लेखिका एवं कवयित्री डॉ.कविता भट्ट 'शैलपुत्री ' जी,राजकीय महाविद्यालय जयहरीखाल से आए अतिथि वक़्ता डॉ. उमेश ध्यानी जी की  गरिमामयी उपस्थिति में हुआ।यह लोकार्पण कार्यक्रम 'आखर ट्रस्ट 'के तत्वाधान में सम्पन्न हुआ।
         अथितियों के स्वागत एवं दीप प्रज्वलन  के पश्चात कवयित्री श्रीमती राधा मैंदोली द्वारा सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की गई। ट्रस्ट के सदस्य राकेश जिर्वाण 'हंस' द्वारा लोकर्पित पुस्तक के लेखक  प्रो. सुरेश ममगाईं जी का जीवन परिचय,शोध कार्य और रचनाकर्म सभी के सम्मुख रखा।कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एवं गढ़वाल  केंद्रीय विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के डॉ. नागेंद्र रावत ने किया।  मुख्य अतिथि प्रो. उमा मैठाणी ने इस पुस्तक को बहुत महत्वपूर्ण बताया और साथ ही कहा कि-' यह एक महत्वपूर्ण शोध कार्य है और गढ़वाल के इतिहास एवं संस्कृति को साथ लेकर गढ़वाली भाषा -साहित्य की पूर्ण विवेचना पुस्तक में की गई है।'
    कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. एम. एम. सेमवाल ने इस अवसर पर कहा कि - 'गढ़वाल की संस्कृति, इतिहास, गढ़वाली भाषा के इतिहास एवं साहित्य को एक ही पुस्तक में समवेत स्थान देना एक महत्वपूर्ण कार्य है।साथ ही कहा कि - प्रो. सुरेश ममगाईं अभी भी  महत्वपूर्ण शोध कार्यों पर लगे हुए हैं। लेखक ने इस पुस्तक में गढ़वाल और उसके सीमावर्ती क्षेत्रों की सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक इतिहास की सप्रामाणिक विवेचना की है।'
     इस पुस्तक की  विवेचना करते हुए ट्रस्ट के  अध्यक्ष संदीप रावत ने कहा कि -'इस पुस्तक के अध्ययन के पश्चात गढ़वाल एवं गढ़वाली भाषा -साहित्य के विविध महत्वपूर्ण पक्ष उभरकर सामने आते हैं।गढ़वाली भाषा -साहित्य के प्रमुख मील स्तम्भों की जानकारी इस पुस्तक में मिलती है। यह पुस्तक गढ़वाली भाषा -साहित्य का साहित्येतिहास भी है। समीक्ष्य पुस्तक में गढ़वाल के संक्षिप्त इतिहास, संस्कृति एवं गढ़वाली भाषा के उपलब्ध साहित्य को जिस प्रकार से नियोजित किया गया है निश्चित रूप से प्रसंसनीय है। प्रो. सुरेश ममगाईं के अथक प्रयासों के फलस्वरुप उनके इस प्रकार के शोध ग्रन्थ समाज में आ रहे हैं।'
    विशिष्ट अतिथि लेखिका एवं मुख्य न्यासी 'शैलपुत्री फाउंडेशन' की डॉ. कविता भट्ट 'शैलपुत्री 'ने इस अवसर पर कहा कि - 'आखर ट्रस्ट द्वारा गढ़वाली भाषा -साहित्य के सम्बर्धन हेतु किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। प्रो.सुरेश ममगाईं जी की यह पुस्तक शोधार्थियों हेतु अवश्य उपयोगी साबित होगी।'
       रा. महाविद्यालय जयहरीखाल से आए अतिथि वक़्ता डॉ. उमेश ध्यानी ने इस पुस्तक को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि -' प्रो.सुरेश ममगाईं ने इस पुस्तक पर लगभग विगत 6 वर्षों  से कड़ी मेहनत की है। इतिहास एवं साहित्येतिहास लेखन एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। इतिहासकार वह लिखता है जो उसने पढ़ा और जो प्रमाण उसकी नजरों के सामने आते हैं।'
    लोकर्पित पुस्तक के लेखक प्रो. सुरेश ममगाईं ने इस अवसर पर कहा कि ' इस पुस्तक को लिखने का मुख्य  उद्देश्य यह है कि - 'गढ़वाल के संक्षिप्त इतिहास, संस्कृति एवं गढ़वाली भाषा एवं गढ़वाली साहित्य की जानकारी एक ही पुस्तक में हो एवं शोधार्थी इससे लाभान्वित हो सकें। यह पुस्तक समाज विज्ञान के शोधर्थियों हेतु भी उपयोगी साबित होगी।'
       ट्रस्ट के  सम्मानित ट्रस्टी,कई शिक्षक -शिक्षिकाओं, सामाजिक सरोकारों  एवं मीडिया  से जुड़े गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में यह कार्यक्रम  हुआ। 
     कार्यक्रम एवं सम्मान समरोह में ट्रस्टी रेखा चमोली (कोषाध्यक्ष ) , ट्रस्टी श्री दीवान सिंह मेवाड़ , ट्रस्टी श्रीमती अंजना घिल्डियाल ,ट्रस्टी श्री सौरभ बिष्ट,सदस्य राकेश जिरवान,कु. श्वेता एवं कु. वंदना नेगी ,जन सरोकारों से जुड़े श्री अनिल स्वामी , डॉ. अशोक बडोनी, डॉ. हर्षमणि पाण्डेय,श्री डी. पी. खंडूड़ी,  रा. माध्यमिक शिक्षक संघ टिहरी के जिलाध्यक्ष श्री दिलवर रावत, शगुन रेस्टोरेंट एवं वेडिंग पॉइंट के श्री प्रमोद उनियाल,रीजनल रिपोर्टर की श्रीमती गंगा असनोड़ा , श्रीमती उपासना भट्ट,श्रीमती मीना डोभाल , कवयित्री श्रीमती सायिनी उनियाल , श्रीमती अनीता काला, श्री प्रभाकर बाबुलकर,श्री नंदकिशोर नैथानी, श्री राजेश बडोनी,श्री कुलदेव रावत सहित कई अन्य शिक्षक एवं  मीडिया जगत से डॉ. श्रीकृष्ण उनियाल, श्री गोपी मैठाणी, श्री धनवीर बिष्ट, श्री तेजपाल चौहान,पौड़ी से डॉ. कमलेश मिश्रा एवं प्रसिद्ध दिवंगत कालजयी चित्रकार बी. मोहन जी के सुपुत्र श्री आशीष मोहन नेगी जी,उत्तरकाशी से श्री दीपेंद्र सिंह, SRT टिहरी से श्री शुभम कंडारी एवं श्री सोबत सिंह, गोपेश्वर से डॉ. मोनिश कुमार आदि की गरिमामयी उपस्थिति थी।
       

कार्यक्रम के अंत में आखर ट्रस्ट के संस्थापक एवं अध्यक्ष संदीप रावत द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी विद्वतजनों का आभार व्यक्त किया।
                                        संदीप रावत
                                     अध्यक्ष/संस्थापक 
                                     आखर चैरिटेबल ट्रस्ट
                                        श्रीनगर गढ़वाल।