मेरी प्रकाशित पुस्तकें :-


(1) एक लपाग ( गढ़वाली कविता-गीत संग्रह)- समय साक्ष्य, (2) गढ़वाळि भाषा अर साहित्य कि विकास जात्रा (गढ़वाली भाषा साहित्य का ऐतिहासिक क्रम )-संदर्भ एवं शोधपरक पुस्तक - विन्सर प्रकाशन, (3) लोक का बाना (गढ़वाली आलेख संग्रह )- समय साक्ष्य, (4) उदरोळ ( गढ़वाली कथा संग्रह )- उत्कर्ष प्रकाशन ,मेरठ


Monday, December 14, 2020

"वरिष्ठ एवं सुप्रसिद्ध गढ़वाली साहित्यकार श्री ललित केशवान जी को दिया जाएगा " डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान- वर्ष 2020" ----- संदीप रावत, श्रीनगर गढ़वाल।

 "वरिष्ठ एवं सुप्रसिद्ध    गढ़वाली साहित्यकार श्रद्धेय श्री ललित केशवान जी को दिया जाएगा " डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान- वर्ष 2020"
      सर्व विदित है कि "आखर "समिति,श्रीनगर गढ़वाल द्वारा वर्ष 19 दिसम्बर 2017 से गढ़वाली भाषा व लोकसाहित्य के मूर्धन्य साहित्यकार डॉ. गोविन्द चातक जी की स्मृति में उनकी जयन्ती पर एक सफल विचार गोष्ठी और परिचर्चा का आयोजन शुरू किया गया था। सभी भाषा एवं साहित्य प्रेमीजनों की शुभकामनों से गढ़वाली लोक साहित्य व भाषा के क्षेत्र में स्व.डॉ.गोविन्द चातक जी के भगीरथ योगदान से प्रेरणा लेकर वर्ष 2018 से गोविन्द चातक जयन्ती के सुअवसर पर "आखर "समिति ,श्रीनगर गढ़वाल द्वारा डॉ.गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान आयोजन के साथ -साथ चातक परिवार के सहयोग से "डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान " शुरू किया गया । इसमें सम्मान स्वरूप - रुपए ग्यारह हजार (11,000/ )की नगद राशि के साथ अंग वस्त्र  , मानपत्र व आखर स्मृति चिन्ह भेंट किया जाता है । गढ़वाली भाषा - साहित्य में अपना अमूल्य योगदान देने हेतु इस वर्ष का यह सम्मान अर्थात "डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान- वर्ष 2020"   मंडावाली दिल्ली निवासी प्रख्यात वरिष्ठ गढ़वाली साहित्यकार, हास्य -व्यंग्य के सुप्रसिद्ध गढ़वाली कवि श्रद्धेय श्री ललित केशवान जी को दिया जाएगा। पूर्व मे यह सम्मान वर्ष 2018 मे डॉ. नंदकिशोर ढौंढियाल "अरुण " जी को और वर्ष 2019 मे स्व. मोहन लाल नेगी जी एवं स्व. बचन सिंह नेगी जी को सयुंक्त रूप से दिया गया।
     इस वर्ष के " आखर " सम्मान से सम्मानित होने वाले गढ़वाली साहित्यकार श्रद्धेय श्री ललित केशवान जी की गढ़वाली में 09 (नौ )पुस्तकें प्रकाशित हैं । हिन्दी में भी उनकी 10 (दस )पुस्तकें प्रकाशित हैं। दिल्ली में गढ़वाली काव्य गोष्ठीयों की शुरुआत करने में भी उनकी सक्रिय एवं महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
गढ़वाली साहित्यकार एवं हास्य - व्यंग्य के सुप्रसिद्ध कवि श्री ललित केशवान जी का जन्म 17 अगस्त 1939 को जिला पौड़ी गढ़वाल में अपने ननिहाल कांडा ( सितोनस्यूँ ) में हुआ एवं उनका गांव - सिरोली, (इडवालस्यूँ ),पौड़ी गढ़वाल में ही है। उनकी गढ़वाली में प्रकाशित पुस्तकें इस प्रकार से हैं -
(1) खिलदा फूल हैंसदा पात (हास्य कविता संग्रह )
(2) हरि हिंडवांण( गढ़वाली नाटक )
(3) दिख्यां दिन तप्यां घाम (गढ़वाली कविता संग्रह )
(4) सब मिलीक रौंला हम (गढ़वाली बाल कविता संग्रह)
(5)जब गरदिस मा गरदिस ऐना (गढ़वाली कविता संग्रह)
(6) दीवा ह्वेजा दैणी (गढ़वाली खण्डकाव्य )
(7) जै बद्री नारैण ( पाँच गढ़वाली एकांकी नाटक )
(8) गंगू रमोला (( गढ़वाली पौराणीक एकांकी नाटक)
(9) मिठास ( गढ़वाली कथा संग्रह ) 
    श्रद्धेय श्री ललित केशवान जी की गढ़वाली रचनाएँ सार गर्भित एवं बहुत सहज होती हैं, जो कवि सम्मेलनों में रंग जमा देती हैं। उनकी "खिलदा फूल हैंसदा पात (हास्य कविता संग्रह )" का पहला संस्करण 1982 में छपा था, जो कि बहुत ही चर्चित रहा । फिर इसका दूसरा संस्करण 2002 में प्रकाशित हुआ । इस कविता संग्रह की कुछ प्रमुख रचनाएँ - फस्स क्लास, लिम्बा, हे मेरी ब्वे कन मरी गै छौ मि, डाम, घुण्डा हिलै, सब्बि गोळ, तै रोका, बोट, बात, सीन मा, ललंगी गौड़ी, पटगा बंद आदि हैं ।
         कोविड -19 की  परिस्थिति के कारण इस वर्ष 19 दिसंबर 2020 को डॉ. गोविन्द चातक जी की जयन्ती पर "आखर "समिति द्वारा श्रद्धांजलि स्वरूप सूक्ष्म कार्यक्रम तो होगा परन्तु "डॉ. गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान माला व सम्मान समारोह " आयोजित नहीं किया जा सकेगा। निकट भविष्य में थोड़ा स्थिति सामान्य होने पर उचित समय "आखर" द्वारा आयोजित समारोह /कार्यक्रम में इस वर्ष का "डॉ0 गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान- वर्ष 2020 " श्रद्धेय श्री ललित केशवान जी को दिया जाएगा। 

                                       संदीप रावत
                              (अध्यक्ष - आखर समिति )
                                     श्रीनगर गढ़वाल




4 comments:

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    1. हार्दिक आभार सर जी 🙏

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  2. आदरणीय केशवान जी थैं सादर प्रणाम दगड़ि भौत भौत शुभकामना बधै छन ।🙏 अर आखर कुटमदरि थैं बि भौत भौत साधुवाद। 🙏

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    1. हार्दिक आभार शैलेश जी 🙏

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