मेरी प्रकाशित पुस्तकें :-


(1) एक लपाग ( गढ़वाली कविता-गीत संग्रह)- समय साक्ष्य, (2) गढ़वाळि भाषा अर साहित्य कि विकास जात्रा (गढ़वाली भाषा साहित्य का ऐतिहासिक क्रम )-संदर्भ एवं शोधपरक पुस्तक - विन्सर प्रकाशन, (3) लोक का बाना (गढ़वाली आलेख संग्रह )- समय साक्ष्य, (4) उदरोळ ( गढ़वाली कथा संग्रह )- उत्कर्ष प्रकाशन ,मेरठ


Monday, November 8, 2021

आखर समिति' से 'आखर चैरिटेबल ट्रस्ट ' तक का सफर



'आखर समिति' से 'आखर चैरिटेबल ट्रस्ट ' तक का सफर 
       
        हर्ष का विषय है  कि संदीप रावत पुत्र श्री महावीर सिंह रावत  निवासी न्यू डांग-ऐंठाणा, श्रीनगर गढ़वाल (उत्तराखंड ) एवं  श्रीमती लक्ष्मी रावत धर्म पत्नी संदीप रावत ने श्रीनगर गढ़वाल की गढ़वाली भाषा -साहित्य को समर्पित आखर समिति को वृहद रूप देते हुए "आखर चैरिटेबल ट्रस्ट " (सार्वजनिक प्रन्यास ) मुख्य न्यास कर्ता (मुख्य ट्रस्टी )के रूप में निष्पादित किया है। यह  अपने उद्देश्यों एवं अपने संविधान के अनुरूप सार्वजनिक हितार्थ (साहित्यिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक हितार्थ )एवं पुण्यार्थ  कार्य करेगा।
         मुख्य न्यास कर्ता (सेटलर /संस्थापक  )  संदीप रावत एवं श्रीमती लक्ष्मी रावत पत्नी संदीप  रावत  ने 'आखर चैरिटेबल ट्रस्ट ' के ट्रस्टी के रूप में अन्य  ट्रस्टी नियुक्त किए हैं, जो  'आखर बोर्ड सदस्य ' के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करेंगे।  श्री गीतेश सिंह नेगी(सचिव ),  डॉ. नागेंद्र रावत(उपाध्यक्ष ),श्री विक्रम सिंह रावत, श्री दीवान सिंह मेवाड़,श्रीमती रेखा चमोली(कोषाध्यक्ष ), श्रीमती बविता थपलियाल(सह सचिव एवं कार्यकारी सचिव ), श्रीमती अंजना घिल्डियाल आदि  'आखर बोर्ड सदस्य ' हैं।  मुख्य ट्रस्टी संदीप रावत   इस प्रन्यास के पदेन अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं एवं जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे ।
       ज्ञातव्य है कि - आखर समिति की स्थापना 05 दिसम्बर 2016 को श्रीनगर गढ़वाल में इस आशय से की गई थी कि यह समिति गढ़वाली भाषा -साहित्य के क्षेत्र में एक नई सोच एवं नए विचारों के साथ कार्य करेगी। अब यह समिति वृहद रूप लेकर सार्वजनिक हितार्थ (गढ़वाली भाषा, साहित्य,संस्कृति,शैक्षणिक,  सामाजिक) एवं पुण्यार्थ "आखर चैरिटेबल ट्रस्ट " के रूप में कार्य करेगी।
        आखर " के पहले कार्यक्रम की शुरुआत 09/12/2016 को  श्री पहाड़ी ओम बहुगुणा जी द्वारा आयोजित 'डांग महोत्सव ' में गढ़वाली कवि सम्मेलन के रूप में हुई। इसके पश्चात फिर जो सिलसिला शुरू हुआ तो उतार -चढ़ाओं  के बीच अपनी स्थापना से लेकर  लगभग 04 वर्ष 09 महीनों में 'आखर समिति' की अब तक 18 बैठकें हुईं एवं छोटे -बड़े 15 बहुत महत्वपूर्ण कार्यक्रम आखर समिति द्वारा आयोजित किए गए।
कुछ महत्वपूर्ण कार्य इस प्रकार हैं -
 (1)29 अगस्त 2017 को श्रीनगर गढ़वाल में उत्तराखंड की 4 दिवगंत विभूतियों -  चंद्र कुंवर बर्त्वाल, जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा, धर्मानंद उनियाल 'पथिक ', डॉ. उमा शंकर थपलियाल जी का स्मरण कर व्याख्यान माला आयोजित की।
 (2) श्रीनगर गढ़वाल में उत्तराखण्ड के मूर्धन्य लोक साहित्यकार , दिवंगत महान विभूति ,सम्पूर्ण  गढ़वाली लोक साहित्य के पहले संग्रह कर्ता एवं अनुवाद कर्ता, भाषाविद    डॉ. गोविन्द चातक जी की जयन्ती के सुअवसर  पर 19 दिसम्बर 2017 (19/12/2017) से प्रतिवर्ष कार्यक्रम शुरू किया गया। गढ़वाली भाषा-साहित्य को समर्पित  "आखर समिति  " (श्रीनगर गढ़वाल ) द्वारा  " नगर पालिका परिषद सभागार " में एक भव्य कार्यक्रम करके "डॉ. चातक" जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में  विद्वत वक्ताओं ने  डॉ.गोविन्द चातक जी की जीवनी पर  विस्तार से चर्चा करते हुए "डॉ.गोविन्द चातक जी का लोक साहित्य में योगदान " विषय पर भी अपनी बात रखी थी।
(3) गढ़वाली भाषा एवं लोक साहित्य में डॉ. गोविन्द चातक जी के भगीरथ योगदान से प्रेरणा लेकर " डॉ.गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान"  के आयोजन के साथ -साथ चातक परिवार के सहयोग से  साहित्यकार डॉ. गोविन्द चातक जी की   जयन्ती के सुअवसर पर 19 दिसम्बर वर्ष 2018 से  "डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान "   आखर समिति द्वारा शुरू किया गया जो प्रतिवर्ष दिया जाता है और आगे भी ट्रस्ट द्वारा अनवरत जारी रहेगा।
     यह सम्म्मान अभी तक डॉ.गोविन्द चातक जी की जयन्ती पर प्रथम "डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान " डॉ.नन्दकिशोर ढौंडियाल अरुण जी को(वर्ष 2018) श्रीनगर गढ़वाल में,द्वितीय  सम्मान गढ़वाली कथाकर गढ़वाली साहित्यकार श्री मोहन लाल नेगी एवं प्रसिद्ध गढ़वाली अनुवादक श्री  बचन सिंह नेगी जी (अब स्व.) को  देहरादून में (वर्ष -2019)संयुंक्त रूप से दिया गया एवं तृतीय सम्मान (वर्ष- 2020का )वरिष्ठ साहित्यकार श्री ललित केशवान जी को इस वर्ष 19 दिसंबर 2021को में डॉ.गोविन्द चातक जी की जयन्ती के सुअवसर पर दिया जाएगा। साथ ही वर्ष -2021 का यह सम्मान भी इसी दिवस पर किसी वरिष्ठ गढ़वाली साहित्यकार को प्रदान किया जाएगा।
    (4)  श्रीनगर गढ़वाल में " आखर समिति"  ने लगभग तीन वर्ष पूर्व   23 सितम्बर 2018 को  गढ़वाली भाषा -साहित्य के इतिहास में पहले विशुद्ध 'गढ़वाली कवयित्री सम्मेलन ' का आयोजन किया । उसी   गढ़वाली कवयित्री सम्मेलन के  विचार फलस्वरूप  ही संदीप रावत एवं गीतेश सिंह नेगी जी के सम्पादन में  गढ़- कवयित्रियों की कविताओं के पहले वृहद संकलन  "आखर "( दिसा- धियाण्यूं को पैलो वृहद गढ़वाळि कविता संग्रै) प्रकाशित हुआ । 
   (5)  गढ़- कवयित्रियों की कविताओं के पहले वृहद संकलन  "आखर" (दिसा- धियाण्यूं को पैलो वृहद गढ़वाळि कविता संग्रै ) का लोकार्पण दिनाँक 16 अगस्त 2020 को नगर पालिका सभागार (श्रीनगर गढ़वाल )
 में मातृ शक्ति की प्रतीक मुख्य अतिथि नगर पालिका परिषद की प्रथम महिला  माननीय अध्यक्ष  श्रीमती पूनम तिवाड़ी जी , कार्यक्रम अध्यक्ष  प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल जी , वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती उमा घिल्डियाल जी और डॉ.कविता भट्ट शैलपुत्री जी द्वारा आखर समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किया गया।
       इस ऐतिहासिक वृहद  गढ़वाली संग्रह को गढ़वाली की पहली कवयित्री एवं प्रख्यात समाज सेविका स्व.विद्यावती डोभाल जी  को समर्पित किया गया । स्व. विद्यावती डोभाल से लेकर  वर्तमान में गढ़वाली कविता के क्षेत्र जितनी भी महिलाएं कलमरत् हैं  इस वृहद "आखर" संग्रह में संकलित हैं । नई पीढ़ी अर्थात स्कूल / कॉलेज  में पढ़ने वाली  छात्राओं की गढ़वाली कविताओं को भी गढ़वाली कवयित्रियों की रचनाओं के इस वृहद संग्रह "आखर " में शामिल किया गया है । 
 (6)   "आखर समिति"  द्वारा फरवरी माह वर्ष 2021 में "उत्तराखंड मातृभाषा अभियान "चलाया गया जिसमें उत्तराखंड के  सभी रैबासी - प्रवासियों से इस अभियान में शामिल होने की धै- धाद  लगाई गई यानि आह्वान किया गया। इस अभियान की संकल्पना ' आखर ' के  गीतेश सिंह नेगी की थी। 21 फरवरी 2021 को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आखर द्वारा महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
(7)इन कार्यक्रमों के अतरिक्त लगभग इन साढ़े चार वर्षों के दौरान 'आखर ' द्वारा गढ़वाली भाषा - साहित्य के क्षेत्र में एक नई सोच के साथ अन्य कार्य करने का पूरा प्रयास किया गया । साथ ही कुछ नए गढ़वाली लेखकों व गढ़वाली कवयित्रियों को एक मंच देने का प्रयास किया गया ।
         साथियो ,कई अनुभव  'आखर समिति' से 'आखर चैरिटेबल ट्रस्ट   तक ' के सफर  में हुए एवं साथ ही बहुत कुछ सीखने - समझने और देखने को मिला। इस दौरान बहुत सारे मित्रों, सुधीजनों, शुभ चिंतकों, विद्वतजनों का साथ, सानिध्य एवं आशीर्वाद प्राप्त हुआ। हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि उन सभी का सानिध्य, सहयोग एवं आशीर्वाद आगे भी 'आखर चैरिटेबल ट्रस्ट' को इसी प्रकार मिलता रहेगा। उन सभी साथियों का भी हम आभार व्यक्त करते हैं जो आखर समिति के गठन से लेकर अब तक साथ बने हुए हैं एवं आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि वह आगे भी साथ बने रहेंगे। 
            अगामी 14 नवंबर को दिवंगत आदर्श शिक्षक,वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वाले एवं विज्ञान -गणित शिक्षण में नवाचारी प्रयोग करने वाले,समाज को एक नई दिशा देने वाले राष्ट्रपति पुरस्कार  से सम्मानित    (पूर्व प्रधानाचार्य रा.उ.मा.वि. मंजाकोट, चौरास,टि.ग.) पूज्य " स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी" की  जयंती  (15नवंबर )के उपलक्ष्य में उनके आशीर्वाद एवं आप सभी की शुभकामनाओं से "आखर चैरिटेबल ट्रस्ट "अपना पहला कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह आयोजित करेगा। इस कार्यक्रम में स्कूल स्तर पर  विज्ञान के क्षेत्र में  नवाचारी प्रयोग हेतु एवं अपने छात्रों  को राज्य के साथ -साथ राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाने हेतु आखर चैरिटेबल ट्रस्ट एक विज्ञान शिक्षक को  शिवदर्शन सिंह नेगी जी की स्मृति में पहला"स्व.शिवदर्शन नेगी स्मृति आखर विज्ञान शिक्षक सम्मान -2021" प्रदान करेगा। यह सम्मान समारोह स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी" की धर्मपत्नी एवं अवकाश प्राप्त शिक्षिका श्रीमती विमला नेगी जी के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। आगे भी यह सम्मान अब प्रतिवर्ष दिया जाएगा।
                  " आखर चैरिटेबल ट्रस्ट "
                     (सार्वजनिक प्रन्यास )
                न्यू डांग - ऐंठाणा, श्रीनगर गढ़वाल 
                 
                
           
              

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