परिचय
जन्म - 15 नवंबर 1945 में हिमाचल प्रदेश के नहान में।
पिताजी - स्व. गंगा सिंह नेगी, अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य इ. कॉ. पोखड़ा। ये एक प्रतिभाशाली शिक्षक एवं कवि थे।
चर्चित 'विश्व अमर गीत " प्रबंध काव्य - 8 सर्गों में विभाजित।
पत्नी - श्रीमती बिमलेश्वरी (विमला )नेगी (अवकाश प्राप्त शिक्षिका )
शिक्षा - प्राथमिक स्तर तक नियमित विद्यालयी शिक्षा नहीं ले पाए। जुलाई 1959में योग्यता के आधार पर क्लास -7में प्रवेश। सन -1962 में हाई स्कूल। 1964में इंटरमीडिएट।
सन 1964-65 में हाई स्कूल स्तर पर एक वर्ष के लिए विज्ञान /गणित शिक्षण कार्य किया।
1967 में B. Sc(बिड़ला परिसर श्रीनगर, आगरा विश्वविद्यालय ),1969- M. Sc. (Physics )(मेरठ से )
1967 में वेदिखाल इंटर कॉलेज में भौतिक विज्ञान प्रवक्ता नियुक्त.. और फिर 1998 तक विभिन्न विद्यालयों में भौतिक विज्ञान अध्यापन कार्य किया।
सन 1998 में हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक नियुक्त। एवं रा.उ. मा. वि. मंजाकोट, चौरास से प्रधानाध्यापक सेवा निवृत हुए।
सन 1999 में टीन शेड में चलने वाले रा.उ. मा. वि. मंजाकोट को एक आदर्श विद्यालय के रूप में स्थापित किया। अपने स्व.बेटे विपिन नेगी की याद में अपने व्यक्तिगत खर्चे से इस विद्यालय में एक बड़े हॉल 'विपिन स्मृति सभागार 'का निर्माण करवाया और साथ ही इस विद्यालय में अन्य कार्य करवाए। विज्ञान की अवधारणाओं को समझाने हेतु 'विज्ञान तरंगिनी ' का निर्माण किया और विभिन्न मंचों पर प्रस्तुति दी। शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों की अनुशंसा पर 05 सितंबर सन 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के कर कमलों से राष्ट्रपति पूरस्कार से सम्मानित हुए। उन्होंने सम्मान में मिली धनराशि भी विद्यालय को दान कर दी थी।
प्रकाशन -
(1)शिवदर्शन सिंह नेगी जी की सन 2006 में 'विज्ञान -गणित गीतिका " महत्वपूर्ण पुस्तक प्रकाशित(प्रकाशक -भुवनेश्वरी महिला आश्रम )
(2)हिंदी कविताओं का साझा संग्रह ' सपनों के मोर पँख 'प्रकाशित।
शिवदर्शन सिंह नेगी जी के जीवन की वास्तविक उपलब्धि - एक अध्यापक जैसा सम्मानजनक पद एवं अपने अधिकारीयों, साथी अध्यापकों, छात्र -छात्राओं का असीम प्यार उनको मिला। उन्होंने 28फरवरी सन 2007 को स्वेछिक सेवनिवृति ली।
महाप्रायाण - 14 अक्टूबर सन 2011को वेदांता हॉस्पिटल में।
अपने शिवदर्शन (शिव के दर्शन ) नाम को सार्थक करने वाले ऐसे महान व्यक्ति हमारे बीच नहीं हैं परन्तु हम जैसे उन हजारों छात्रों/लोगों के प्रेरणा स्रोत के रूप में जीवित रहेंगे जिन्होंने उनसे शिक्षा पायी।
पूज्य गुरुजी " स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी" की जयंती (15नवंबर )के उपलक्ष्य में उनके आशीर्वाद एवं आप सभी की शुभकामनाओं से "आखर चैरिटेबल ट्रस्ट " अब हर वर्ष कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह आयोजित करेगा। इस कार्यक्रम में स्कूल स्तर पर विज्ञान के क्षेत्र में नवाचारी प्रयोग हेतु एवं अपने छात्रों को राज्य के साथ -साथ राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाने हेतु आखर चैरिटेबल ट्रस्ट हर वर्ष एक विज्ञान शिक्षक को शिवदर्शन सिंह नेगी जी की स्मृति में पहला"स्व.शिवदर्शन नेगी स्मृति आखर विज्ञान शिक्षक सम्मान -2021" प्रदान करेगा।
Sandeep Rawat
Lec. Chemistry
GIC Dhaddi Ghandiyal
(Tehri Garhwal)
Founder - Aakhar
Chairitable Trust
Lec. Chemistry
GIC Dhaddi Ghandiyal
(Tehri Garhwal)
Founder - Aakhar
Chairitable Trust
"आखर" के लिए आपका समर्पण वन्दनीय है.साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले विभूतियों को सम्मानित करना ही एक बड़ा प्रयास है और फिर 'चैरिटेबल ट्रस्ट' की स्थापना, वह भी सीमित संसाधन में.
ReplyDeleteमेरी शुभकामनाएं रावत जी.