मेरी प्रकाशित पुस्तकें :-


(1) एक लपाग ( गढ़वाली कविता-गीत संग्रह)- समय साक्ष्य, (2) गढ़वाळि भाषा अर साहित्य कि विकास जात्रा (गढ़वाली भाषा साहित्य का ऐतिहासिक क्रम )-संदर्भ एवं शोधपरक पुस्तक - विन्सर प्रकाशन, (3) लोक का बाना (गढ़वाली आलेख संग्रह )- समय साक्ष्य, (4) उदरोळ ( गढ़वाली कथा संग्रह )- उत्कर्ष प्रकाशन ,मेरठ


Sunday, December 19, 2021

'आखर चैरिटेबल ट्रस्ट ' द्वारा डॉ. गोविन्द चातक जयन्ती पर 'वरिष्ठ गढ़वाली साहित्यकार श्री ललित केशवान जी को दिया गया ' डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान-वर्ष 2020'

'आखर चैरिटेबल ट्रस्ट '
श्रीनगर गढ़वाल :19दिसम्बर 2021:डॉ. गोविन्द चातक जयन्ती (नगर पालिका सभागार )
   'वरिष्ठ  गढ़वाली  साहित्यकार   श्री ललित केशवान  जी  को दिया  गया ' डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य  सम्मान-वर्ष 2020'

       
        'आखर समिति 'श्रीनगर गढ़वाल द्वारा वर्ष 19 दिसम्बर  2017  में लोकसाहित्य के मूर्धन्य साहित्यकार डॉ. गोविन्द चातक जी की स्मृति में उनकी जयन्ती पर एक सफल विचार गोष्ठी और परिचर्चा का आयोजन शुरू  किया गया था।  सभी भाषा एवं  साहित्य प्रेमीजनों की शुभकामनाओं से गढ़वाली लोक साहित्य एवं भाषा के क्षेत्र में स्व.डॉ.गोविन्द चातक जी के भगीरथ योगदान से प्रेरणा लेकर  वर्ष -2018 से   डॉ.गोविन्द चातक जयन्ती के सुअवसर पर आखर समिति ,श्रीनगर गढ़वाल द्वारा 'डॉ.गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान'   आयोजन के साथ -साथ चातक परिवार के सहयोग से  'डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ' शुरू किया  गया था । तब से निरंतर यह सम्मान 'आखर ' द्वारा यह सम्मान प्रदान किया जा रहा है। 
        गढ़वाली भाषा - साहित्य  में अपना अमूल्य  योगदान देने हेतु वर्ष -2020 का  यह सम्मान अर्थात  'डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान- वर्ष 2020' वरिष्ठ गढ़वाली  साहित्यकार, हास्य -व्यंग्य के सुप्रसिद्ध गढ़वाली कवि श्री ललित केशवान  जी  को डॉ. गोविन्द चातक जी की जयन्ती के अवसर पर नागापालिका सभागार दिया गया ।  सम्मान स्वरूप उन्हें रुपए ग्यारह हजार (11,000/ )की नकद धनराशि के साथ अंग वस्त्र , मानपत्र एवं आखर  स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। ग्यारह हजार रुपए की सम्मान राशि डॉ.चातक जी के परिवार की ओर से  दी गई।
     सम्मानित होने वाले वरिष्ठ गढ़वाली  साहित्यकार    श्री ललित केशवान  जी की गढ़वाली में  09 (नौ )पुस्तकें प्रकाशित हैं । हिन्दी में भी उनकी 10  (दस )पुस्तकें  प्रकाशित हैं।   दिल्ली में  गढ़वाली काव्य गोष्ठीयों की शुरुआत करने में भी  उनकी सक्रिय एवं  महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
        'डॉ. गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान ' के अंतर्गत कार्यक्रम में वक्ताओं ने लोक साहित्य एवं गढ़वाली भाषा -साहित्य में डॉ.गोविन्द चातक जी के अवदान को चिरस्मरणीय एवं अतुलनीय बताया। साथ ही विस्तारपूर्वक  उनके जीवन, व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर बात रखी गई । साथ ही कहा कि -'आखर' द्वारा डॉ. चातक जैसी विभूतियों को याद किया जाना और इस तरह के कार्यक्रम  आयोजित किया जाना प्रशंसनीय है।
      मुख्य अतिथि के रूप में लोक एवं साहित्य की गहरी समझ रखने वाले सुप्रसिद्ध शिक्षाविद, हे. न.ब. केन्द्रीय विश्व विद्यालय श्रीनगर  गढ़वाल से अवकाश प्राप्त आदरणीय प्रो.सम्पूर्ण सिंह रावत  जी ने कहा कि -  'डॉ.चातक जी ने यहाँ के सम्पूर्ण लोक साहित्य काे लिपिबद्ध करने का महत्वपूर्ण कार्य किया। हिंदी साहित्य में समलोचना के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया ।  डॉ. चातक जी  की जयन्ती के अवसर पर उन पर केन्द्रित  हर वर्ष जो कार्यक्रम  ' आखर ' द्वारा आयोजित किया जाता है वह एक सराहनीय कार्य है ।'  कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में सुप्रसिद्ध लोक संस्कृतिकर्मी, रंगकर्मी आदरणीय प्रो. डी. आर. पुरोहित  जी ने कहा कि- 'डॉ.चातक जी ने यहां के लोक साहित्य के  संरक्षण में महत्वपूर्ण  योगदान दिया।'
         अतिथि वक्ता  प्रसिद्ध मंच संचालक, लोक संस्कृतिकर्मी, गढ़वाली मासिक 'धाद' पत्रिका के सम्पादक आदरणीय श्री गणेश खुगसाल 'गणी 'जी  
 जी ने कहा कि - 'जब भी उत्तराखंड के लोक साहित्य का जिक्र होगा तो डॉ. चातक जी का जिक्र  अवश्य होगा।' उन्होंने विस्तार से डॉ.गोविन्द चातक जी के जीवन, व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर    विस्तार से अपनी बात रखी एवं डॉ. गोविन्द चातक जी के साथ अपने संस्मरण साझा किए।
         अतिथि वक्ता प्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार, वरिष्ठ कवयित्री आदरणीय श्रीमती बीना बेंजवाल जी ने कहा कि - गढ़वाली भाषा में भी डॉ.चातक जी का काम अतुलनीय है । उन्होंने गढ़वाली भाषा -साहित्य में डॉ. चातक जी के योगदान पर अपना वक़्तव्य दिया ।
         कार्यक्रम की शुरुआत लोक परम्परानुसार 'जौ' से भरे हुए पाथे पर दीप प्रज्वलन, डॉ.गोविन्द चातक जी के चित्र पर माल्यार्पण /पुष्पांजलि एवं  ट्रस्ट की सदस्य - कु. कंचन पंवार, कु. अर्चना बिष्ट, कु.अंजलि बिष्ट, कु. श्वेता द्वारा सरस्वती वंदना  से हुई। मंचासीन अतिथियों का माल्यार्पण एवं बुके देकर किया गया। सभी अथितियों का स्वागत ट्रस्ट के  संस्थापक एवं अध्यक्ष संदीप रावत ने किया। 
         इस अवसर पर  डॉ.गोविन्द चातक जी के  परिवार की ओर से उनके पौत्र  एवं डॉ.गोविन्द चातक जी की सुपुत्री श्रीमती सुजाता कण्डारी बिष्ट जी के सुपुत्र  श्री सौरभ बिष्ट जी, सम्मानित होने वाले श्री ललित केशवान जी के सुपुत्र श्री पंकज केशवान जी की उपस्थिति के साथ कार्यक्रम में सम्मानित मीडिया जगत,  श्रीनगर की सम्भ्रांत जनता उपस्थित थी । श्रीनगर के व्यापार सभा अध्यक्ष श्री दिनेश असवाल जी, श्री प्रदीप बहुगुणा, डॉ. अरुण कुकसाल जी,देहरादून से प्रसिद्ध साहित्यकार श्री रमाकांत बेंजवाल जी,श्री देवेश्वर प्रसाद खण्डूड़ी जी ,  प्रसिद्ध समाज सेवी श्री अनिल स्वामी जी , अजीम प्रेमजी फाउंडेसन के डॉ.प्रदीप अंथवाल जी, श्री श्रीमती गंगा असनोड़ा थपलियाल जी ,श्री शम्भू प्रसाद स्नेहिल जी, श्री जे. एस. चौहान जी, श्री गंभीर सिंह रौतेला जी कैप्टेन सते सिंह भण्डारी जी न्यूज़ - 18 के संवाददाता , डॉ.गोविन्द चातक जी के कुटुम्ब से श्री गोविन्द सिंह कण्डारी जी, श्री रघुबीर सिंह कंडारी जी , डॉ.श्रीकृष्ण उनियाल जी ,डॉ. कविता भट्ट जी,श्री महेन्द्र बंगवाल जी, डॉ. अशोक कुमार बडोनी जी,श्री प्रभाकर बाबुलकर जी, श्रीमती संगीता डोभाल जी, श्रीमती उषा बिष्ट जी, श्री भूपेंद्र सिंह नेगी जी,ट्रस्ट की मुख्य ट्रस्टी श्रीमती लक्ष्मी रावत, श्रीमती ज्योति जैन मेवाड़,श्रीमती अनीता काला, श्री सतीश काला जी, श्रीमती दीक्षा नेगी, योगेंद्र कांडपाल, डांग व्यापार सभा अध्यक्ष श्री सौरभ पाण्डेय, शिवानी पाण्डेय, श्री शैलेन्द्र तिवाड़ी,श्रीमती अंशी कमल जी,श्रीमती ज्योति रावत, सहसचिव श्रीमती बविता थपलियाल, कोषाध्यक्ष  श्रीमती रेखा चमोली, ट्रस्टी श्री दीवान सिंह मेवाड़, ट्रस्टी श्रीमती अंजना घिल्डियाल,  सदस्य कु. कंचन पंवार,  कु. श्वेता, कु. अंजलि, कु. अर्चना बिष्ट, ,शिक्षक -शिक्षिकाओं, साहित्यिक एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़े व्यक्तियों की उपस्थिति में कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ।
      कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के उपाध्यक्ष डॉ. नागेंद्र रावत ने किया। ट्रस्टी श्री दीवान सिंह मेवाड़  जी ने डॉ.गोविन्द चातक जी का जीवन परिचय सामने रखा । ट्रस्ट की सहसचिव श्रीमती बविता थपलियाल जी ने सम्मान पत्र का वाचन किया। ट्रस्ट के अध्यक्ष संदीप रावत ने सम्मानित होने वाले श्री ललित केशवान जी का परिचय सबके सम्मुख रखा।
      कार्यक्रम में डॉ. अशोक कुमार बडोनी जी ने दस  निर्धन छात्रों हेतु अपने बेटे की स्मृति में आखर ट्रस्ट को दस स्वीटर दान की। 
     
     ट्रस्ट के अध्यक्ष संदीप रावत ने ' डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान -वर्ष 2021 ' गढ़ गौरव श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी को प्रदान करने की घोषणा की। साथ ही कहा कि - इस कार्यक्रम मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड की  महान  विभूति डॉ.गोविन्द चातक जी की जयन्ती के अवसर पर गढ़वाली भाषा -साहित्य एवं लोक साहित्य में उनके योगदान से सभी को परिचित करवाने के साथ  जो  यहाँ वरिष्ठ साहित्यकार हैं और जो गढ़वाली भाषा -साहित्य में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं उनका परिचय सभी के सम्मुख रखना एवं  ट्रस्ट द्वारा 'डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान 'से सम्मानित करना है। आखर चैरिटेबल ट्रस्ट बहुत गम्भीरता से इस दिशा में काम करने का प्रयास कर रहा है और जो आज भी डॉ.चातक जी जैसे साहित्य साधक हैं उन्हें याद करने ,उनके कार्यों को उजागर करने एवं उन्हें सम्मानित करने का प्रयास कर  रहा है।
    
        'आखर चैरिटेबल ट्रस्ट' के संस्थापक /अध्यक्ष संदीप रावत ने अंत में कार्यक्रम में उपस्थित श्रीनगर की सभी गणमान्य जनता , मीडिया जगत के साथ ही अपने सभी सम्मानित ट्रस्टियों -कार्यक्रम में उपस्थित ट्रस्ट के उपाध्यक्ष डॉ. नागेंद्र रावत जी,  कोषाध्यक्ष -श्रीमती रेखा चमोली जी,सहसचिव -श्रीमती बविता थपलियाल जी, ट्रस्टी श्रीमती अंजना घिल्डियाल जी, ट्रस्टी श्री दीवान सिंह मेवाड़ जी, मुख्य ट्रस्टी श्रीमती लक्ष्मी रावत जी,सदस्य - कंचन पंवार, श्वेता पंवार, अंजलि बिष्ट, अर्चना बिष्ट एवं श्रीनगर से बाहर के ट्रस्टियों आदरणीय श्री गीतेश नेगी जी , आदरणीय श्रीमती संगीता उनियाल जी, आदरणीय श्री विक्रम रावत जी जिन्होंने दूर रहकर भी वैचारिक सहयोग व मार्गदर्शन किया उनका विशेष आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया।
                                                 संदीप रावत 
                                            आखर चैरिटेबल ट्रस्ट 
                                               श्रीनगर गढ़वाल

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