मेरी प्रकाशित पुस्तकें :-


(1) एक लपाग ( गढ़वाली कविता-गीत संग्रह)- समय साक्ष्य, (2) गढ़वाळि भाषा अर साहित्य कि विकास जात्रा (गढ़वाली भाषा साहित्य का ऐतिहासिक क्रम )-संदर्भ एवं शोधपरक पुस्तक - विन्सर प्रकाशन, (3) लोक का बाना (गढ़वाली आलेख संग्रह )- समय साक्ष्य, (4) उदरोळ ( गढ़वाली कथा संग्रह )- उत्कर्ष प्रकाशन ,मेरठ


Thursday, July 4, 2019

गढ़वाली साहित्य,गढ़वाली कविता - विकास © संदीप रावत ,न्यू डांग ,श्रीनगर गढ़वाल |

                        * विकास *

बल !
बड़ा- बड़ा प्वटगा वळा
गरीबूं का हिस्सा मा बि
अपणू हिस्सा छन खुज्याणा ,
अर !
विकास का नौ पर
छूड़ी गलत काम तैं बि
सही छन बताणा |
द बोला !
स्यू सब्या -सब्बि
तै विकास तैं कांधिम धैरिक
झणि कख होला दनकाणा ?
अर !
अपणा कर्मों का
डूण्डा हथ्यूं तैं
झणि कख होला लुकाणा ?
                     © संदीप रावत ,न्यू डांग ,श्रीनगर गढ़वाल |

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