* विकास *
बल !
बड़ा- बड़ा प्वटगा वळा
गरीबूं का हिस्सा मा बि
अपणू हिस्सा छन खुज्याणा ,
अर !
विकास का नौ पर
छूड़ी गलत काम तैं बि
सही छन बताणा |
द बोला !
स्यू सब्या -सब्बि
तै विकास तैं कांधिम धैरिक
झणि कख होला दनकाणा ?
अर !
अपणा कर्मों का
डूण्डा हथ्यूं तैं
झणि कख होला लुकाणा ?
© संदीप रावत ,न्यू डांग ,श्रीनगर गढ़वाल |
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