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Monday, July 29, 2019

गढ़वाली कविता - पहाड़ -1 ( ©संदीप रावत ,न्यू डांग ,श्रीनगर गढ़वाल)

              " पहाड़ "

पहाड़ रड़णा छन
लोग उंदू सरकणा छन
जो छन यख
वू पाणी को तरसणा छन,
नीस घाट्यों मा
ब्वगणी छ गंगा
पर! पाणी-पाणी सारि-सारि कि
यख मुण्डळी खुर्स्येणी छन |
              © संदीप रावत ,न्यू डांग ,श्रीनगर गढ़वाल |

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