मेरी प्रकाशित पुस्तकें :-


(1) एक लपाग ( गढ़वाली कविता-गीत संग्रह)- समय साक्ष्य, (2) गढ़वाळि भाषा अर साहित्य कि विकास जात्रा (गढ़वाली भाषा साहित्य का ऐतिहासिक क्रम )-संदर्भ एवं शोधपरक पुस्तक - विन्सर प्रकाशन, (3) लोक का बाना (गढ़वाली आलेख संग्रह )- समय साक्ष्य, (4) उदरोळ ( गढ़वाली कथा संग्रह )- उत्कर्ष प्रकाशन ,मेरठ


Wednesday, September 4, 2019

शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। महान विचारक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को शत -शत नमन🙏🙏🙏💐💐.---संदीप रावत ,न्यू डांग ,श्रीनगर गढ़वाल

   

   आप सभी को सादर प्रणाम।🙏🙏शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। महान  विचारक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को शत -शत नमन🙏🙏🙏💐💐

      वास्तव में शिक्षक की भूमिका पिछले काफी समय से बिल्कुल बदल गयी है।  वह सिर्फ ज्ञान देने वाला नहीं रहा और आज शिक्षक आज एक महत्वपूर्ण भूमिका में है।मानवीय सन्दर्भदाता की  भूमिका में तो एक शिक्षक हमेशा से ही रहा है। मैं एक शिक्षक जरूर हूँ परन्तु मैं एक 'शिष्य ' और 'बच्चा 'आजीवन रहूँगा।🙏 ' शिष्य ' और  बच्चों में सीखने और कुछ करने की असीम संभावनाएं सदैव रहती हैं। 

      अपने इस जीवन में मैनें जिन भी व्यक्तियों , चीजों , भावों से सीखा शिक्षक दिवस के सुअवसर पर उन सभी व्यक्तियों, गुरुजनों, मित्रों एवं सुधीजनों को हृदय से नमन करता हूँ।🙏🙏हार्दिक आभार एवं हार्दिक धन्यवाद। 

                  " गुरु "

जो नै पौध तैं
फूंजि-फांजिक चमकान्द
अर ! बाटु  बतान्द ,
अपणा चेलों तैं
अफुं से  बि ऐंच द्यखण चान्द ,
अर! बग्त औण परैं
अपणा सिखायां -पढ़ायां
नौन्याळों से हन्न (हरण ) चान्द
वे तैं *गुरु *ब्वल्ये जान्द  |
              © संदीप रावत ,न्यू डांग ,श्रीनगर गढ़वाल |
(सम्प्रति - प्रवक्ता/रा.इ.कॉ.धद्दी घण्डियाल,टि.ग.)

   

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