मेरी प्रकाशित पुस्तकें :-


(1) एक लपाग ( गढ़वाली कविता-गीत संग्रह)- समय साक्ष्य, (2) गढ़वाळि भाषा अर साहित्य कि विकास जात्रा (गढ़वाली भाषा साहित्य का ऐतिहासिक क्रम )-संदर्भ एवं शोधपरक पुस्तक - विन्सर प्रकाशन, (3) लोक का बाना (गढ़वाली आलेख संग्रह )- समय साक्ष्य, (4) उदरोळ ( गढ़वाली कथा संग्रह )- उत्कर्ष प्रकाशन ,मेरठ


Sunday, May 19, 2024

*आखर की सदस्य एवं कवयित्री अनिता काला 'अन्नु ' के हिंदी काव्य संग्रह 'बादलों के रथ पर 'के लोकार्पण समारोह का भव्य आयोजन*

श्रीनगर गढ़वाल -  *आखर चैरिटेबल ट्रस्ट* 

  *कवयित्री अनिता काला 'अन्नु ' के हिंदी काव्य संग्रह 'बादलों के रथ पर 'का लोकार्पण समारोह का भव्य आयोजन* 

     19 मई (रविवार )2024 को श्रीनगर गढ़वाल के लक्ष्य कोचिंग इंस्टिट्यूट  में    कवयित्री अनिता काला की पुस्तक 'बादलों के रथ पर ' का लोकार्पण  मुख्य अतिथि  प्रसिद्ध लोक संस्कृति कर्मी प्रो.डी.आर.पुरोहित जी ,कार्यक्रम अध्यक्ष शिक्षाविद् एवं नाथपंथ पर वृहद शोध करने वाले  वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.विष्णु दत्त कुकरेती जी , अति विशिष्ट अतिथि हे.न.ब. गढ़वाल केंद्रीय विश्व विद्यालय श्रीनगर गढ़वाल के अवकाश प्राप्त प्रो.सम्पूर्ण सिंह रावत जी ,विशिष्ट अतिथि  लक्ष्य कोचिंग इंस्टिट्यूट के निदेशक श्री जितेन्द्र धिरवाण जी, विशिष्ट अथिति साहित्यकार भगत सिंह राणा 'हिमाद' जी, प्रसिद्ध कवयित्री एवं साहित्यकार श्रीमती उमा घिल्डियाल जी,आखर के अध्यक्ष  संदीप रावत आदि द्वारा किया गया। 
       कार्यक्रम का शुभारम्भ  अथितियों  के स्वागत एवं दीप प्रज्वलन के पश्चात् कवयित्री राधा मैंदोली जी के  सरस्वती वंदना  के सुमधुर गायन एवं  कवयित्री अंशी कमल द्वारा स्वागत गान की प्रस्तुति से हुई। अथितियों हेतु स्वागत भाषण डॉ.नागेंद्र रावत द्वारा दिया गया साथ ही उनके द्वारा आखर का संक्षिप्त परिचय रखा गया। आखर की कोषाध्यक्ष एवं कवयित्री  रेखा चमोली जी द्वारा इस काव्य संग्रह की रचयिता श्रीमती अनिता काला जी का परिचय और साहित्य के क्षेत्र में किया गया कार्य सभी के सम्मुख रखा गया ।
     मुख्य अतिथि प्रो.डी.आर.पुरोहित जी ने लोकर्पित पुस्तक को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि- 'कवयित्री की रचनाएं यहां के लोक से जुड़ी हैं। कवयित्री की परवारिक पृष्ठभूमि साहित्यिक  रही है।'कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. विष्णु दत्त कुकरेती  जी ने इस अवसर पर अपने विद्वतापूर्ण वक्तव्य में कहा कि -' इस काव्य संग्रह की रचनाएं विविध रंग लिए हुए हैं। लेखन एवं साहित्य सृजन ईश्वरीय कृपा से हो पाता है। ' अति विशिष्ट अतिथि हे.न.ब. गढ़वाल केंद्रीय विश्व विद्यालय श्रीनगर गढ़वाल से अवकाश प्राप्त  प्रो.सम्पूर्ण सिंह रावत जी ने कहा कि - 'परिवारिक परिस्थितियों में एक महिला द्वारा पुस्तक का प्रकाशन करना एवं अपने भावों को शब्द के रंगों में पिरोना आसान नहीं होता।सोशल मीडिया के इस दौर में वर्तमान पीढ़ी पुस्तकों से दूर होती जा रही है।'
      कार्यक्रम में  विशिष्ट अथिति के रूप में श्री जितेंद्र धिरवाण  जी एवं जोशीमठ से साहित्यकार श्री भगत सिंह राणा जी,वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती उमा घिल्डियाल जी , श्री सतीश काला जी आदि ने भी  कार्यक्रम में अपने विचार रखे।
       काव्य संग्रह की समीक्षात्मक टिप्पणी में पुस्तक की भूमिका लिखने वाले रुद्रप्रयाग से आए श्री नंदन राणा 'नवल ' जी ने  कहा  कि  ' इस काव्य संग्रह में विभिन्न विषयों को आधार बनाकर  रचनाएं लिखी  गई हैं जिनमें कवयित्री ने प्रतीकों एवं रूपकों का प्रयोग किया है। '
      लोकर्पित पुस्तक की कवयित्री अनीता काला जी इस अवसर पर कहा कि -'इस पुस्तक को लिखने का मुख्य उद्देश्य यह है कि मेरे विचार और मेरी भावनाएं आम जन तक पहुंचे। इस कार्य में मेरे पति देव जी ने हमेशा भरपूर सहयोग दिया ' साथ ही अनीता काला जी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों एवं कार्यक्रम को सम्पन्न करने हेतु आखर ट्रस्ट का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का  सफल एवं विद्वता पूर्ण संचालन डॉ.अरुण भट्ट जी ने किया । 
        कार्यक्रम में उखीमठ की कविता मैठाणी भट्ट, साईनी कृष्ण उनियाल जी , कमला नौटियाल जी आदि द्वारा सुमधुर काव्य पाठ किया गया। कार्यक्रम के अंत में  आखर ट्रस्ट के संस्थापक एवं अध्यक्ष संदीप रावत द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी विद्वतजनों, गुणीजनों एवं उपस्थित आखर के सभी सदस्यों का आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया गया।  
          कार्यक्रम में  जैंती रुद्रप्रयाग से प्रधानाचार्य श्री शैलेन्द्र प्रसाद थपलियाल जी, अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य श्री पुरुषोत्तम दत्त काला जी,अनीता काला जी के पति श्री सतीश काला जी, पौड़ी से अपर पुलिस अधीक्षक (ASP)श्री अनूप काला जी,अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के डॉ.प्रदीप अंथवाल जी,पूर्व जिला पंचायत सदस्य (खिर्सू )एवं समाज सेवी श्री लखपत सिंह भंडारी जी ,व्यापार संघ अध्यक्ष (श्रीनगर )श्री दिनेश असवाल जी,  जिला अध्यक्ष व्यापार संघ  श्री वासुदेव कंडारी जी,श्री दिनेश पटवाल जी,डॉ.नागेंद्र रावत जी,रेखा चमोली जी,कवयित्री अंशी कमल जी,श्री भूपेंद्र नेगी जी, ज्योतिषाचार्य श्री भाष्करानंद अंथवाल जी ,अंजना घिल्डियाल जी, प्रसिद्ध रंगकर्मी विमल बहुगुणा जी , साहित्यकार श्री शम्भू प्रसाद स्नेहिल जी,समाज को समर्पित एवंआंदोलनकारी श्री अनिल स्वामी जी,श्री डी.पी.खंडूड़ी जी , रिजनल रिपोर्टर की गंगा असनोड़ा थपलियाल जी ,उपासना भट्ट जी ,शिक्षिका संगीता फरासी जी ,शिक्षिका पूनम रतूड़ी जी,कवयित्री राधा मैंदोली जी,कवयित्री साईनीकृष्ण उनियाल जी , रेखा अग्रवाल जी,कमला उनियाल जी उखीमठ से कवयित्री कविता मैठाणी भट्ट जी,राकेश जिरवान , गढ़ कवि आशीष सुन्द्रियाल जी एवं गढ़ कवि देवेंद्र उनियाल जी, नंदकिशोर नैथानी जी, श्री रमोला जी,शिक्षक श्री राधाकृष्ण थपलियाल जी सहित अन्य शिक्षकों एवं मीडिया जगत  की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
                                      संदीप रावत
                          अध्यक्ष:आखर ट्रस्ट,श्रीनगर गढ़वाल

Monday, November 20, 2023

सुभाष इंटर कॉलेज थौलधार के गणित प्रवक्ता श्री राजेश चमोली को मिला 'शिवदर्शन सिंह नेगी स्मृति आखर विज्ञान शिक्षक सम्मान, वर्ष -2023' -संदीप रावत(आखर ), श्रीनगर गढ़वाल।

श्रीनगर गढ़वाल -
    राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित आदर्श शिक्षक स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी  की जयन्ती के उपलक्ष्य पर थौलधार के शिक्षक राजेश चमोली को मिला  'शिवदर्शन सिंह नेगी स्मृति आखर विज्ञान शिक्षक सम्मान, वर्ष -2023'
          
     विज्ञान- गणित शिक्षण के क्षेत्र एवं विद्यालयी शिक्षा में नवाचार करने वाले  राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित आदर्श शिक्षक,स्व.शिवदर्शन सिंह नेगी  की जयन्ती  के उपलक्ष्य में आखर  ट्रस्ट द्वारा  स्व. नेगी जी के जीवन एवं कार्यों पर केंद्रित' व्याख्यान' एवं ' विज्ञान शिक्षक सम्मान समारोह' आयोजित किया गया ।  स्व.नेगी जी की जयन्ती के उपलक्ष्य में आखर ट्रस्ट का यह तृतीय आयोजन था। यह आयोजन गोला बाजार श्रीनगर गढ़वाल स्थित अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन कार्यालय में किया गया।
      कार्यक्रम में इस वर्ष 'शिवदर्शन सिंह नेगी स्मृति आखर विज्ञान शिक्षक सम्मान,वर्ष -2023 'विद्यालयी शिक्षा स्तर पर  विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र में  नवाचारी प्रयोग करने, शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु दूरस्थ क्षेत्र  सुभाष इंटर कॉलेज थौलधार के शिक्षक श्री राजेश चमोली को प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप सम्मानित शिक्षक को अंगवस्त्र,सम्मान पत्र, विशेष आखर स्मृति चिह्न एवं पाँच हजार एक सौ (5100/-) रुपए की धनराशि भेंट की गई।
         कार्यक्रम की शुरुआत मंचासीन  अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन,स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी  के चित्र पर माल्यार्पण /पुष्पांजलि अर्पण,पॉलिटेक्निक की छात्राओं कु.अंजलि भंडारी,कु.सलोनी,कु.कामनी  द्वारा गढ़वाली सरस्वती वंदना की प्रस्तुति से हुई। 
         कार्यक्रम के  माननीय मुख्य अथिति  पूर्व विभागाध्यक्ष - गणित, हे.न.ब. गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय,प्रोफेसर डी.एस.नेगी जी ने 'आखर ट्रस्ट' की इस  पहल की सराहना करते हुए कहा कि  - 'स्व. नेगी जी जिन्होंने समाज एवं शैक्षिक जगत में अपना जो चिर स्मरणीय योगदान दिया है, उन कार्यों को याद किया जाना बहुत आवश्यक है।' साथ ही इस अवसर पर माननीय मुख्य अतिथि जी ने  Motivation & Mind Science पर भी वक़्तव्य रखा।
      आखर के अध्यक्ष  संदीप रावत ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए  कहा कि यह कार्यक्रम उनकी जयन्ती के सुअवसर पर हर वर्ष आयोजित किया  जाएगा, ताकि उनके द्वारा समाज एवं शिक्षा क्षेत्र में किए गए कार्यों से अन्य शिक्षक साथी भी प्रेरित हो सकें ।
       अति विशिष्ट अतिथि अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के डॉ. प्रदीप अंथवाल जी ने इस अवसर पर कहा कि स्व.नेगी जी ने शिक्षा के क्षेत्र,छात्र हित एवं समाज में सदैव अग्रणीय भूमिका निभाई।साथ ही कहा कि - 'एक आदर्श शिक्षक की स्मृति में  किसी शिक्षक द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किसी वर्तमान आदर्श शिक्षक को सम्मानित करना यह प्राय: कम ही दिखाई देता है।' 
       विशिष्ट अतिथि  पौड़ी जनपद के राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष  बलराज सिंह गुसाईं जी ने इस अवसर पर कहा कि -' स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी एक आदर्श शिक्षक थे एवं  सभी शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं।'साथ ही गढ़वाली भाषा के संरक्षण एवं विकास हेतु  आखर द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की।
      गणित प्रवक्ता डॉ. हर्षमणि पाण्डेय जी ने  स्व.शिवदर्शन सिंह नेगी जी द्वारा रचित 'विज्ञान -गणित गीतिका' ' पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि- 'विज्ञान-गणित गीतिका ' पुस्तक में स्व.नेगी जी ने विज्ञान और गणित के सिद्धांतों को पहेली, गीत,संवाद और कहानी के माध्यम से बहुत रोचक और व्यावहारिक ढंग से समझाया है।
      सम्मानित होने वाले शिक्षक राजेश चमोली ने कहा कि -'यह सम्मान मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण एवं गौरव की बात है क्योंकि स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी एक ऐसी महान विभूति हुए हैं जिनका व्यक्तित्व हम सभी शिक्षकों  एवं समाज के लिए  प्रेरणादायी था। शिक्षा जगत में उनके अवदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। साथ ही कहा कि अपने शिक्षक के हाथों सम्मानित होना मेरा सौभाग्य है।'
         कार्यक्रम में दिवंगत शिवदर्शन सिंह नेगी जी के परिवार से श्री आदित्य पटवाल   ने स्व. नेगी जी के जीवन से जुड़े कुछ अनछुए पहलुओं को सबके सम्मुख रखा। साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित सभी का आभार व्यक्त किया।
          कार्यक्रम का संचालन  गढ़वाल  केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.नीतेश बौंठियाल जी ने किया। प्रवक्ता दीवान सिंह मेवाड़ जी ने स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी का व्यक्तित्व, उनके द्वारा शिक्षा जगत और समाज में दिए योगदान को सबके सम्मुख रखा। शिक्षक  अमन ममगाईं जी ने सम्मानित होने वाले शिक्षक  राजेश चमोली जी का परिचय एवं शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्य सबके सम्मुख रखा।रा.इ.कॉलेज पौड़ी से आए प्रवक्ता एवं भूपेंद्र सिंह नेगी जी ने सम्मान पत्र का वाचन किया।
       कार्यक्रम एवं सम्मान समरोह में ट्रस्टी  रेखा चमोली,  लक्ष्मी रावत(संस्थापक,आखर ट्रस्ट ),ट्रस्टी दीवान सिंह मेवाड़,  प्रसिद्ध समाज सेवी एवं आंदोलनकारी अनिल स्वामी,ट्रस्ट की कु.श्वेता पंवार,ट्रस्ट की साक्षी रावत,चित्रकार हिमांशु,रीजनल रिपोर्टर की संपादक  श्रीमती गंगा असनोड़ा थपलियाल, स्व.नेगी जी के परिवार से श्री आदित्य पटवाल एवं श्रीमती स्नेहा पटवाल,शोधार्थी एवं ट्रस्ट के राकेश जिर्वाण हंस, स्व.नेगी जी के परिवार से श्री आदित्य पटवाल एवं श्रीमती स्नेहा पटवाल, बिलकेदार से सुमित,ट्रस्टी श्रीमती अंजना घिल्डियाल,ट्रस्ट के भूपेंद्र सिंह नेगी , श्री नन्द किशोर नैथानी, कवयित्री  राधा मैंदोली, शिक्षिका उमा चौहान , शिक्षिका अंजू शाह शिक्षिका बीना मेहरा, शिक्षक डॉ.अशोक बडोनी, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनीष चमोली, शिक्षक श्री संतोष पोखरियाल,शिक्षक श्री महेंद्र सिंह नेगी,श्रीमती ज्योति रावत, श्रीमती ज्योति जैन मेवाड़ , श्री चंद्रशेखर मेवाड़, अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन से नरेश सहित कई अन्य शिक्षकों की गरिमामयी उपस्थिति थी।
        अन्त में 'आखर ट्रस्ट 'के अध्यक्ष संदीप रावत ने  कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह मे उपस्थित सभी मंचासीन अतिथियों एवं सभी सम्मानित अतिथियों, कार्यक्रम में उपस्थित आखर के सभी सदस्यों, अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन श्रीनगर गढ़वाल,ट्रस्ट की संरक्षक  एवं स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी धर्मपत्नी श्रीमती बिमलेश्वरी नेगी जी का  आभार व्यक्त किया।
       
      

         
       
         
         यह सम्मान समारोह  'स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी की धर्मपत्नी,अवकाश प्राप्त शिक्षिका एवं ट्रस्ट की संरक्षक आदरणीय श्रीमती बिमलेश्वरी नेगी जी के सहयोग से आयोजित किया गया ।इस कार्यक्रम का आयोजन  'आखर  ट्रस्ट ' द्वारा स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी की जयन्ती के उपलक्ष्य में हर वर्ष आयोजित किया जाता रहेगा । 
                                        
  
   
  
   

Thursday, June 1, 2023

गढ़वाली रचना - बलिदान ©संदीप रावत, आखर, न्यू डांग श्रीनगर गढ़वाल।

              'बलिदान'

कै खुणि
अर! के खुणि
हुईं होलि
य सगर -बगर?
उठापोड़
अर! खदर-बदर,
सैद!फेर तैयारी छ
कखि कैs
चिरान -कटानै
अर!पुराणि पछयाण मिटाणैअजकालै सभ्यता 
अर! बिकास का नौ परैं।
        ©संदीप रावत, आखर
              श्रीनगर गढ़वाल।



Monday, December 19, 2022

डॉ. गोविन्द चातक जयन्ती के उपलक्ष्य पर आखर चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा गढ़ रत्न श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी को प्रदान किया गया 'डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान, वर्ष -2021'..©संदीप रावत, आखर,श्रीनगर गढ़वाल

      आखर चैरिटेबल ट्रस्ट,श्रीनगर गढ़वाल द्वारा डॉ. गोविन्द चातक जी की जयन्ती के उपलक्ष्य पर विगत वर्षों की भांति 18 दिसम्बर 2022(रविवार) को नगर पालिका सभागार(श्रीनगर गढ़वाल) में 'डॉ.गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान माला ' एवं डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ' कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में   सुप्रसिद्ध लोकगायक श्रद्धेय श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी को अपनी कालजयी रचनाओं से 'गढ़वाली भाषा' एवं 'गढ़वाली गीत साहित्य' में अमूल्य योगदान देने हेतु  'डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान, वर्ष -2021'प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें रुपए ग्यारह हजार (11,000/) की  धनराशि के साथ अंग वस्त्र , मानपत्र एवं 'आखर  विशेष स्मृति चिन्ह 'भेंट किया गया। ग्यारह हजार रुपए की सम्मान राशि डॉ.चातक जी के परिवार की ओर से दी गई। श्रद्धेय श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने यह सम्मान राशि 'आखर ट्रस्ट' को ट्रस्ट के संचालन हेतु दान कर दी ।
     सम्मानित विभूति उत्तराखण्ड के गौरव श्रद्धेय श्री नरेन्द्र सिंह नेगी  जी की  कालजयी गढ़वाली गीतों की चार  पुस्तकें प्रकाशित हैं । गढ़वाली काव्य गोष्ठीयों में भी श्रद्धेय नेगी जी की हमेशा सक्रिय, महत्वपूर्ण एवं अग्रणीय भूमिका रहती है। उनके गीतों ने गढ़वाली भाषा के लिए मानक और एक मातृभाषा आंदोलन का  काम किया है।
       'आखर 'श्रीनगर गढ़वाल द्वारा वर्ष 19 दिसम्बर  2017  में लोकसाहित्य के मूर्धन्य साहित्यकार डॉ. गोविन्द चातक जी की स्मृति में उनकी जयन्ती पर एक सफल विचार गोष्ठी और परिचर्चा का आयोजन शुरू  किया गया था।  सभी भाषा एवं  साहित्य प्रेमीजनों की शुभकामनाओं से गढ़वाली लोक साहित्य एवं भाषा के क्षेत्र में स्व.डॉ.गोविन्द चातक जी के भगीरथ योगदान से प्रेरणा लेकर  वर्ष -2018 से   डॉ.गोविन्द चातक जयन्ती के सुअवसर पर आखर समिति ,श्रीनगर गढ़वाल द्वारा 'डॉ.गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान'   आयोजन के साथ -साथ चातक परिवार के सहयोग से  'डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ' शुरू किया  गया था । तब से निरंतर  'आखर ' द्वारा यह सम्मान प्रदान किया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि 'आखर' अब 'आखर चैरिटेबल ट्रस्ट 'के रूप में अस्तित्व में है ।
          कार्यक्रम में  'डॉ. गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान ' के अंतर्गत कार्यक्रम में वक्ताओं ने लोक साहित्य एवं गढ़वाली भाषा -साहित्य में डॉ.गोविन्द चातक जी के अवदान को चिरस्मरणीय एवं अतुलनीय बताया। साथ ही विस्तारपूर्वक  उनके जीवन, व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर बात रखी गई । साथ ही कहा कि -'आखर' द्वारा डॉ. चातक जैसी विभूतियों को याद किया जाना और इस तरह के कार्यक्रम  आयोजित किया जाना प्रशंसनीय कार्य है।
       मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध लोक संस्कृति कर्मी, रंगकर्मी  प्रो. डी. आर. पुरोहित जी ने कहा कि- 'डॉ.चातक जी ने यहां के लोक साहित्य के  संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण  योगदान दिया है।आज लोक संस्कृति के लिए ऐसे ही और शोध कार्य किए जाने की आवश्यकता है। '
    कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद डॉ. विष्णु दत्त कुकरेती जी ने कहा कि -'डॉ. चातक जी  की जयन्ती के अवसर पर उन पर केन्द्रित'आखर ' द्वारा हर वर्ष जो कार्यक्रम आयोजित किया जाता है वह एक सराहनीय कार्य है। डॉ. चातक जी , श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी एवं प्रो. डी. आर. पुरोहित जी जैसे बिभूतियों से आज की पीढ़ी को सीख लेने की आवश्यकता है।'
    विशिष्ट अतिथि एवं लोक साहित्य की गहरी समझ रखने वाले प्रो. सम्पूर्ण सिंह रावत जी ने कहा कि -'डॉ.चातक जी ने यहाँ के सम्पूर्ण लोक साहित्य काे लिपिबद्ध करने का एक महत्वपूर्ण कार्य किया। हिंदी साहित्य में भी उनका  महत्वपूर्ण योगदान है।'
      इस अवसर पर श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने कहा कि - 'गढ़वाली भाषा  के सम्बर्धन हेतु आज बहुत प्रयास हो रहे हैं। गढ़वाली भाषा -साहित्य में आज बहुत लेखक काम कर रहे हैं। पाठ्यक्रम में भी अब गढ़वाली भाषा-साहित्य को रखा जाने लगा है तो यह गढ़वाली भाषा के लिए एक सुखद बात है।साथ ही कहा कि- डॉ.चातक जी ने यहां के लोक साहित्य के  संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण  एवं अविस्मरणीय योगदान दिया ।साथ ही कहा कि - 'आखर ट्रस्ट ' का इस ओर प्रयास सराहनीय है। यह सम्मान महत्वपूर्ण है क्यूंकि इस सम्मान के साथ एक लोक साहित्य ऋषि डॉ. चातक जी का नाम है।डॉ. चातक जी द्वारा संग्रहित लोक साहित्य से बहुत मैंने कुछ सीखा।' जो आजकल के गढ़वाली के नए गायक हैं  उनको बेहतर कवियों एवं गीतकारों से अच्छे गीत लेकर गाना चाहिए। और 
         अतिथि वक्ता  प्रसिद्ध गढ़वाली कवि एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्री वीरेंद्र पंवार जी ने कहा कि - 'जब भी उत्तराखंड के लोक साहित्य का जिक्र होगा तो डॉ. चातक जी का जिक्र  अवश्य होगा। 'उन्होंने  गढ़वाली लोक साहिय एवं गढ़वाली भाषा में डॉ.गोविन्द चातक जी द्वारा दिए गए अवदान पर  विस्तार से अपनी बात रखते हुए कहा कि-गढ़वाली भाषा में भी डॉ.चातक जी का काम अतुलनीय है । श्री पंवार जी ने गढ़वाली भाषा की वर्तमान स्थिति पर भी बात रखी गयी। 
         कार्यक्रम की शुरुआत लोक परम्परानुसार 'जौ' से भरे हुए 'पाथे'  में दीप प्रज्वलन, डॉ.गोविन्द चातक जी के चित्र पर माल्यार्पण /पुष्पांजलि एवं  ट्रस्ट की सदस्य - श्रीमती साक्षी रावत एवं बीरा चौहान द्वारा मांगल गीत की प्रस्तुति से हुई। मंचासीन अतिथियों का स्वागत माल्यार्पण, बुके देकर किया गया। कार्यक्रम की गरिमा बढ़ा रहे उपस्थित सभी अथितियों का स्वागत ट्रस्ट के  संस्थापक एवं अध्यक्ष संदीप रावत ने किया साथ ही 'आखर ' का परिचय सभी के सम्मुख रखा।
       कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के उपाध्यक्ष डॉ. नागेंद्र रावत ने किया। ट्रस्ट की सदस्य श्रीमती अनीता काला  जी ने डॉ.गोविन्द चातक जी का जीवन परिचय सामने रखा । ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष श्रीमती रेखा  चमोली ने श्रद्धेय नेगी जी  के सम्मान ने  सम्मान पत्र का वाचन किया। 
        ट्रस्ट के अध्यक्ष संदीप रावत ने सम्मानित विभूति श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से बात रखते हुए कहा कि -'श्रद्धेय नेगी जी ने अपने कालजयी गीतों के माध्यम से गढवाली भाषा को एक नया आयाम दिया और  इसे विश्व पटल पर पहचान दिलायी। श्रद्धेय नेगी जी ने हमेशा मुझ जैसे नए लेखकों को सदैव प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया। हिमालय जैसे विराट व्यक्तित्व के बावजूद भी सहज एवं सरल श्रद्धेय नेगी जी को सम्मानित करके 'आखर' आज स्वयं सम्मानित हुआ है और गौरवान्वित हुआ है।'
     साथ ही संदीप रावत ने कहा कि -इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड की  महान  विभूति डॉ.गोविन्द चातक जी की जयन्ती के अवसर पर गढ़वाली भाषा -साहित्य एवं लोक साहित्य में उनके योगदान से सभी को परिचित करवाने के साथ  जो  यहाँ के वरिष्ठ साहित्यकार हैं और जो गढ़वाली भाषा -साहित्य में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं, डॉ.चातक जी जैसे साहित्य साधक हैं उनका परिचय सभी के सम्मुख रखना एवं  ट्रस्ट द्वारा हर वर्ष 'डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान 'से ऐसी एक विभूति को सम्मानित करना है। आखर चैरिटेबल ट्रस्ट बहुत गम्भीरता से इस दिशा में काम करने का प्रयास कर रहा है।
         इस अवसर पर  डॉ.गोविन्द चातक जी के  परिवार की ओर से उनके पौत्र  एवं डॉ.गोविन्द चातक जी की सुपुत्री श्रीमती सुजाता कण्डारी बिष्ट जी के सुपुत्र  श्री सौरभ बिष्ट जी, विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मानित विभूति श्री नेगी जी की धर्मपत्नी श्रीमती ऊषा नेगी जी,अथिति प्रसिद्ध मंच संचालक एवं गढ़वाली पत्रिका 'धाद ' के सम्पादक श्री गणेश खुगसाल 'गणी  की उपस्थिति के साथ कार्यक्रम में सम्मानित मीडिया जगत,  श्रीनगर की सम्भ्रांत जनता उपस्थित थी ।
       घंटाकर्ण देवता के रावल श्री दिनेश जोशी जी,श्री भरत सिंह कंडारी जी,श्री दर्शन सिंह भंडारी जी , डॉ. अरुण कुकसाल जी,प्रसिद्ध समाज सेवी श्री अनिल स्वामी जी ,अजीम प्रेमजी फाउंडेसन के डॉ.प्रदीप अंथवाल जी,प्रसिद्ध रंगकर्मी श्री विमल बहुगुणा जी, गढ़ कवि श्री देवेंद्र उनियाल जी, श्रीमती बिमला राणा जी,श्रीमती गंगा असनोड़ा थपलियाल जी ,श्रीमती उपासना कर्नाटक जी,श्री शम्भू प्रसाद स्नेहिल जी,श्री मुकेश काला जी,श्री गंभीर सिंह रौतेला जी,श्रीनगर व्यापार सभा अध्यक्ष श्री दिनेश असवाल जी,श्री वासुदेव कंडारी, श्री दिनेश पटवाल जी,श्री जीतेन्द्र धीरवान जी,डॉ.गोविन्द चातक जी के गाँव से  श्री रघुबीर सिंह कंडारी जी , श्री महेन्द्र बंगवाल जी,डॉ. नीतेश बोंठियाल जी, पौड़ी से डॉ. नीलम नेगी जी एवं श्रीमती लक्ष्मी पंवार जी,श्री राजेंद्र रावत जी,सबधारखाल पौड़ी से श्रीमती लक्ष्मी बिष्ट जी, श्रीमती रश्मि रतूड़ी जी,आखर के वरिष्ठ सदस्य श्री देवेश्वर प्रसाद खंडूरी जी,डॉ. गिरीश चन्द्र भट्ट जी,श्री नन्दकिशोर नैथानी जी , डॉ. अशोक कुमार बडोनी जी, श्री विभोर बहुगुणा जी,श्री महेंद्र सिंह नेगी जी,श्री प्रभाकर बाबुलकर जी, श्रीमती संध्या नौटियाल डिमरी जी, वन्दना नेगी जी, रेखा पटवाल जी,श्रीमती सायिनी कृष्ण उनियाल जी,श्रीमती मीना डोभाल जी,श्रीमती संगीता पंवार जी,श्रीमती ज्योति जैन मेवाड़,श्री सतीश काला जी, डांग व्यापार सभा अध्यक्ष श्री सौरभ पाण्डेय, श्रीमती अंशी कमल जी, श्रीमती ज्योति रावत जी, देहरादून से आखर के ट्रस्टी श्री विक्रम रावत जी एवं श्री गोविन्द मेहता जी,ट्रस्टी श्रीमती बविता थपलियाल जी ,ट्रस्ट की मुख्य ट्रस्टी श्रीमती लक्ष्मी रावत जी ,  ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष  श्रीमती रेखा चमोली जी ,सदस्य- श्रीमती साक्षी रावत जी ,श्रीमती अनीता काला जी, श्रीमती बीरा चौहान जी , मयंक पंवार, कु. प्रियंका पंवार, कु. अर्चना बिष्ट, कुलदीप मेवाड़,कु. श्वेता पंवार , कु. अर्चना बिष्ट, ,शिक्षक -शिक्षिकाओं, साहित्यिक एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़े व्यक्तियों की उपस्थिति में कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ।
      
       'आखर चैरिटेबल ट्रस्ट' के संस्थापक /अध्यक्ष संदीप रावत ने कार्यक्रम के अंत में उपस्थित मंचासीन अथितियों,  श्रीनगर की कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य जनता , मीडिया जगत के साथ ही अपने सभी सम्मानित ट्रस्टियों -कार्यक्रम में उपस्थित ट्रस्ट के उपाध्यक्ष डॉ. नागेंद्र रावत जी,  कोषाध्यक्ष -श्रीमती रेखा चमोली जी,ट्रस्टी  श्री विक्रम रावत जी,श्री गोविन्द मेहता जी,ट्रस्टी बविता थपलियाल जी,मुख्य ट्रस्टी श्रीमती लक्ष्मी रावत जी , सदस्य -श्री सौरभ बिष्ट जी,श्रीमती साक्षी रावत जी, श्रीमती बीरा चौहान जी ,श्रीमती अनीता काला जी,श्वेता पंवार एवं अर्चना बिष्ट का आभार प्रकट करने के साथ नगरपालिका परिषद की माननीय अध्यक्ष श्रीमती पूनम तिवाड़ी जी का कार्यक्रम हेतु नगरपालिका सभागार उपलब्ध कराने हेतु विशेष आभार, धन्यवाद व्यक्त किया।
                                               संदीप रावत
                                        आखर चैरिटेबल ट्रस्ट 
                                               श्रीनगर गढ़वाल

Monday, November 14, 2022

डॉ.हर्ष मणि पाण्डेय जी को मिला 'शिवदर्शन सिंह नेगी स्मृति आखर विज्ञान शिक्षक सम्मान,वर्ष -2022' ©संदीप रावत, श्रीनगर गढ़वाल

स्थान - बिलकेदार(नेगी लॉज )श्रीनगर गढ़वाल।
   
       शिक्षा को समर्पित राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित विज्ञान शिक्षक स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी  की जयन्ती के अवसर पर  शिक्षक डॉ. हर्ष मणि पाण्डेय जी को प्राप्त हुआ   'शिवदर्शन सिंह नेगी स्मृति आखर विज्ञान शिक्षक सम्मान, वर्ष -2022'
      
           दिनाँक 13 नवंबर(रविवार )2022 को  प्रसिद्ध समाज सेवी, साहित्यकार, विज्ञान-गणित शिक्षण के नवाचारी,कल्पनाशील एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित आदर्श शिक्षक स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी(पूर्व प्रधानाचार्य रा.उ.मा.वि. मंजाकोट, चौरास,टि.ग.) की जयन्ती  के उपलक्ष्य में 'आखर चैरिटेबल ट्रस्ट' द्वारा विगत वर्ष की भांति  उन्हीं के निवास 'नेगी लॉज बिलकेदार, श्रीनगर गढ़वाल' में स्व. नेगी जी पर केंद्रित व्याख्यान माला एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया ।
            विगत वर्ष 'आखर चैरिटेबल ट्रस्ट' द्वारा स्व.शिवदर्शन सिंह नेगी जी की  जयन्ती के अवसर पर उनकी स्मृति में  'शिवदर्शन सिंह नेगी स्मृति आखर विज्ञान शिक्षक सम्मान' की शुरुआत की गई थी। कार्यक्रम में इस वर्ष यह सम्मान अर्थात 'शिवदर्शन सिंह नेगी स्मृति आखर विज्ञान शिक्षक सम्मान(वर्ष -2022) विद्यालयी शिक्षा स्तर पर  विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र में  नवाचारी प्रयोग करने, शिक्षा में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग,अपने छात्रों  को राज्य के साथ राष्ट्रीय स्तर पर  प्रतिभाग करवाने  हेतु डॉ. हर्षिमणि पाण्डेय जी ( प्रवक्ता,रा.इ.कॉ.हिंसरियाखाल, टिहरी गढ़वाल )को  प्रदान किया गया । सम्मान स्वरूप सम्मानित शिक्षक को अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, विशेष आखर स्मृति चिह्न एवं पाँच हजार एक सौ (5100/-) रुपए की धनराशि भेंट की गई।
         कार्यक्रम की शुरुआत मंचासीन  अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन,स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी  के चित्र पर माल्यार्पण /पुष्पांजलि अर्पण,ट्रस्ट की सदस्य साक्षी रावत जी एवं बीरा देवी चौहान जी द्वारा मांगल गीत की प्रस्तुति से हुई। सभी मंचासीन अथितियों का स्वागत माल्यार्पण, बैच अलंकरण एवं बुके देकर किया गया। इस कार्यक्रम/सम्मान समारोह की स्मृति के रूप में ' आखर स्मृति चिह्न' सभी मंचसीन अथितियों को सादर भेंट किए गए।
         कार्यक्रम  एवं सम्मान समारोह के मुख्य अथिति प्रोफेसर प्रोफेसर एम.एस. नेगी जी (अधिष्ठाता छात्र कल्याण, हे.न.ब.गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर गढ़वाल) ने 'आखर ट्रस्ट' की इस  पहल की सराहना करते हुए कहा कि  - 'स्व. नेगी जी जिन्होंने समाज एवं शैक्षिक जगत में अपना चिर स्मरणीय योगदान दिया है, उनको याद किया जाना बहुत आवश्यक है। साथ ही कहा कि - 'आखर ट्रस्ट इस दिशा में गंभीरता से काम कर रहा है।'
       आखर चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष  संदीप रावत ने स्व. नेगी जी के साथ के अनुभव साझा करते हुए कहा कि -  'स्व. नेगी जी  मेरे गुरु एवं मार्गदर्शक थे। उन्होंने मुझे कुछ न कुछ नया करने हेतु एवं लीक से हटकर कार्य करने हेतु सदैव प्रेरित किया एवं यह सम्मान  उनकी जयन्ती के सुअवसर पर हर वर्ष एक विज्ञान शिक्षक को प्रदान किया जाएगा।'
      अति विशिष्ट अतिथि खण्ड शिक्षा अधिकारी, कीर्तिनगर डॉ. यशवन्त नेगी जी ने इस अवसर पर कहा कि 'स्व.नेगी जी ने शिक्षा के क्षेत्र,छात्र हित एवं समाज में सदैव अग्रणीय भूमिका निभाई।विज्ञान -गणित शिक्षण में जो प्रयोग आज किए जा रहे हैं, वो प्रयास उन्होंने बहुत पहले शुरू कर दिए थे।
       विशिष्ट अतिथि  जिलाध्यक्ष,राजकीय शिक्षक संघ, (टिहरी गढ़वाल) श्री दिलवर सिंह रावत जी ने इस अवसर पर कहा कि -'आखर अपने गठन से ही  अलग हटकर कार्य कर रहा है। स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी एक आदर्श शिक्षक थे एवं  सभी शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।स्व. नेगी जी ऐसे शिक्षक थे जिन्होंने तो राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए भी मना कर दिया था, विभागीय अधिकारियों ने ही उनका नाम इसके लिए भेजा।'
        सम्मानित होने वाले शिक्षक डॉ. हर्षमणि पाण्डेय जी ने कहा कि - 'स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी एक ऐसी महान विभूति थे सबके लिए अपने प्रेरणादाई पदचिह्न छोड़ गए हैं।'डॉ. पाण्डेय जी ने स्व. नेगी जी के साथ के अपने अनुभव साझा किए।
         कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में दिवंगत शिवदर्शन सिंह नेगी जी की धर्मपत्नी एवं अवकाश प्राप्त शिक्षिका आदरणीय श्रीमती बिमलेश्वरी जी  ने स्व. नेगी जी के जीवन से जुड़े कुछ अनछुए पहलुओं को सबके सम्मुख रखा। साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित सभी का आभार व्यक्त किया।
          कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एवं गढ़वाल  केंद्रीय विश्वविद्यालय में पुरातत्व विभाग के असिस्टेंट प्रो.डॉ.नागेंद्र रावत जी ने किया। श्री दीवान सिंह मेवाड़ जी ने स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी का व्यक्तित्व, शिक्षा और समाज में दिए उनके योगदान को सबके सम्मुख रखा। राकेश जिर्वाण हंस ने डॉ. हर्षमणि पाण्डेय जी का परिचय एवं किए जा रहे कार्य सबके सम्मुख रखा।
       कार्यक्रम एवं सम्मान समरोह में ट्रस्टी रेखा चमोली (कोषाध्यक्ष )जी , ट्रस्टी लक्ष्मी रावत जी , ट्रस्टी श्री दीवान सिंह मेवाड़ जी , ट्रस्टी श्रीमती अंजना घिल्डियाल जी , सदस्य कु. श्वेता पंवार एवं राकेश जिर्वान हंस ,श्री नन्द किशोर नैथानी जी,श्री भूपेंद्र सिंह नेगी जी, डॉ. हर्षमणि पाण्डेय जी की धर्मपत्नी श्रीमती रजनी पाण्डेय जी,श्री भास्करानन्द भट्ट जी, श्री गोविन्द कठेत जी, पिंकी गुसाईं जी,श्रीमती गंगा असनोड़ा थपलियाल जी , रा. शि. संघ कीर्तिनगर ब्लॉक के पूर्व अध्यक्ष श्री राजेश सेमवाल जी , श्री विजय मोहन गैरोला जी ,  जी. जी. आई. सी. पौड़ी से श्रीमती श्वेता बिष्ट रौतेला जी, पौड़ी इंटर कॉलेज से श्री भूपेंद्र सिंह नेगी जी,श्री तेजपाल ,श्री चतर लिंगवाल जी, श्री ओम प्रकाश सैलानी जी,श्री रणजीत जाखी जी,जखोली से श्री बीरेंद्र राणा जी, श्री लाल सिंह नेगी जी, श्री कनक पुंडीर जी, श्री गजेंद्र पुंडीर जी,श्री मनमोहन रावत जी, श्री प्रभाकर बाबुलकर जी, श्री राम रतन सिंह जी, श्री रणजीत जाखी जी,श्रीमती लीला देवी बिष्ट जी ,श्रीमती परमेश्वरी बिष्ट जी,सहित कई अन्य शिक्षक एवं मीडिया जगत से जुड़े व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति थी।
     अन्त में 'आखर  चैरिटेबल ट्रस्ट 'के अध्यक्ष संदीप रावत ने  कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह मे उपस्थित सभी मंचासीन अतिथियों, सम्मानित अतिथियों एवं मीडिया जगत का आभार व्यक्त किया। साथ ही  ट्रस्ट के कार्यक्रम में उपस्थित सभी ट्रस्टियों का आभार एवं ट्रस्ट की संरक्षक,  कार्यक्रम अध्यक्ष आदरणीय श्रीमती बिमलेश्वरी नेगी जी का विशेष आभार व्यक्त किया।आखर के वरिष्ठ सदस्य श्री देवेश्वर प्रसाद खंडूड़ी जी,सम्मानित होने वाले शिक्षक डॉ. हर्षमणि पाण्डेय जी की धर्मपत्नी श्रीमती रजनी पाण्डेय जी, आखर ट्रस्ट की सक्रिय सदस्य कु. श्वेता पंवार, कार्यक्रम में मांगल गीत की प्रस्तुति देने वाले श्रीमती साक्षी रावत जी एवं श्रीमती बीरा देवी चौहान जी को भी कार्यक्रम की स्मृति के रूप में 'आखर स्मृति चिह्न' सादर भेंट किए गए।
        यह सम्मान समारोह 'स्व.शिवदर्शन सिंह नेगी जी की धर्मपत्नी, अवकाश प्राप्त शिक्षिका एवं ट्रस्ट की संरक्षक आदरणीय श्रीमती बिमलेश्वरी नेगी जी के सहयोग से आयोजित किया गया । 'आखर  चैरिटेबल ट्रस्ट ' द्वारा स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी की जयन्ती के सुअवसर पर 'यह सम्मान समारोह एवं स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी पर केंद्रित व्याख्यान माला का आयोजन आगे भी हर वर्ष आयोजित किया जाता रहेगा ।
                                        संदीप रावत
                                 (संस्थापक एवं अध्यक्ष)
                                 आखर चैरिटेबल ट्रस्ट 
                                   श्रीनगर गढ़वाल।

Monday, November 7, 2022

आखर ट्रस्ट के तत्वाधान में आधुनिक भाषा विभाग के प्रो. सुरेश ममगाईं जी द्वारा लिखित पुस्तक     (गढ़वाल:इतिहास, संस्कृति, भाषा एवं साहित्य ) लोकार्पित -संदीप रावत, श्रीनगर गढ़वाल।

श्रीनगर गढ़वाल -

       "आखर चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वाधान में सम्पन्न हुआ  प्रो. सुरेश ममगाईं जी द्वारा लिखित पुस्तक     (गढ़वाल:इतिहास, संस्कृति, भाषा एवं साहित्य )का लोकार्पण "
         06 नवम्बर 2022 को राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी के आधुनिक भाषा विभाग के प्रो. सुरेश ममगाईं जी की महत्वपूर्ण पुस्तक 'गढ़वाल-इतिहास, संस्कृति, भाषा एवं साहित्य ' का लोकार्पण स्क्वायर यूनिटी भवन (अंजलि मेडिकल स्टोर भवन )में स्थित 'शगुन रेस्टोरेंट 'में  मंचासीन मुख्य अतिथि हे.न. ब. गढ़वाल विश्वविद्यालय की हिंदी विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष  प्रो. उमा मैठाणी (अवकाश प्राप्त)जी , कार्यक्रम अध्यक्ष हे.न. ब. गढ़वाल केंद्रीय विश्व विद्यालय श्रीनगर गढ़वाल के राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एम. एम. सेमवाल जी , विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध लेखिका एवं कवयित्री डॉ.कविता भट्ट 'शैलपुत्री ' जी,राजकीय महाविद्यालय जयहरीखाल से आए अतिथि वक़्ता डॉ. उमेश ध्यानी जी की  गरिमामयी उपस्थिति में हुआ।यह लोकार्पण कार्यक्रम 'आखर ट्रस्ट 'के तत्वाधान में सम्पन्न हुआ।
         अथितियों के स्वागत एवं दीप प्रज्वलन  के पश्चात कवयित्री श्रीमती राधा मैंदोली द्वारा सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की गई। ट्रस्ट के सदस्य राकेश जिर्वाण 'हंस' द्वारा लोकर्पित पुस्तक के लेखक  प्रो. सुरेश ममगाईं जी का जीवन परिचय,शोध कार्य और रचनाकर्म सभी के सम्मुख रखा।कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एवं गढ़वाल  केंद्रीय विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के डॉ. नागेंद्र रावत ने किया।  मुख्य अतिथि प्रो. उमा मैठाणी ने इस पुस्तक को बहुत महत्वपूर्ण बताया और साथ ही कहा कि-' यह एक महत्वपूर्ण शोध कार्य है और गढ़वाल के इतिहास एवं संस्कृति को साथ लेकर गढ़वाली भाषा -साहित्य की पूर्ण विवेचना पुस्तक में की गई है।'
    कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. एम. एम. सेमवाल ने इस अवसर पर कहा कि - 'गढ़वाल की संस्कृति, इतिहास, गढ़वाली भाषा के इतिहास एवं साहित्य को एक ही पुस्तक में समवेत स्थान देना एक महत्वपूर्ण कार्य है।साथ ही कहा कि - प्रो. सुरेश ममगाईं अभी भी  महत्वपूर्ण शोध कार्यों पर लगे हुए हैं। लेखक ने इस पुस्तक में गढ़वाल और उसके सीमावर्ती क्षेत्रों की सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक इतिहास की सप्रामाणिक विवेचना की है।'
     इस पुस्तक की  विवेचना करते हुए ट्रस्ट के  अध्यक्ष संदीप रावत ने कहा कि -'इस पुस्तक के अध्ययन के पश्चात गढ़वाल एवं गढ़वाली भाषा -साहित्य के विविध महत्वपूर्ण पक्ष उभरकर सामने आते हैं।गढ़वाली भाषा -साहित्य के प्रमुख मील स्तम्भों की जानकारी इस पुस्तक में मिलती है। यह पुस्तक गढ़वाली भाषा -साहित्य का साहित्येतिहास भी है। समीक्ष्य पुस्तक में गढ़वाल के संक्षिप्त इतिहास, संस्कृति एवं गढ़वाली भाषा के उपलब्ध साहित्य को जिस प्रकार से नियोजित किया गया है निश्चित रूप से प्रसंसनीय है। प्रो. सुरेश ममगाईं के अथक प्रयासों के फलस्वरुप उनके इस प्रकार के शोध ग्रन्थ समाज में आ रहे हैं।'
    विशिष्ट अतिथि लेखिका एवं मुख्य न्यासी 'शैलपुत्री फाउंडेशन' की डॉ. कविता भट्ट 'शैलपुत्री 'ने इस अवसर पर कहा कि - 'आखर ट्रस्ट द्वारा गढ़वाली भाषा -साहित्य के सम्बर्धन हेतु किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। प्रो.सुरेश ममगाईं जी की यह पुस्तक शोधार्थियों हेतु अवश्य उपयोगी साबित होगी।'
       रा. महाविद्यालय जयहरीखाल से आए अतिथि वक़्ता डॉ. उमेश ध्यानी ने इस पुस्तक को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि -' प्रो.सुरेश ममगाईं ने इस पुस्तक पर लगभग विगत 6 वर्षों  से कड़ी मेहनत की है। इतिहास एवं साहित्येतिहास लेखन एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। इतिहासकार वह लिखता है जो उसने पढ़ा और जो प्रमाण उसकी नजरों के सामने आते हैं।'
    लोकर्पित पुस्तक के लेखक प्रो. सुरेश ममगाईं ने इस अवसर पर कहा कि ' इस पुस्तक को लिखने का मुख्य  उद्देश्य यह है कि - 'गढ़वाल के संक्षिप्त इतिहास, संस्कृति एवं गढ़वाली भाषा एवं गढ़वाली साहित्य की जानकारी एक ही पुस्तक में हो एवं शोधार्थी इससे लाभान्वित हो सकें। यह पुस्तक समाज विज्ञान के शोधर्थियों हेतु भी उपयोगी साबित होगी।'
       ट्रस्ट के  सम्मानित ट्रस्टी,कई शिक्षक -शिक्षिकाओं, सामाजिक सरोकारों  एवं मीडिया  से जुड़े गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में यह कार्यक्रम  हुआ। 
     कार्यक्रम एवं सम्मान समरोह में ट्रस्टी रेखा चमोली (कोषाध्यक्ष ) , ट्रस्टी श्री दीवान सिंह मेवाड़ , ट्रस्टी श्रीमती अंजना घिल्डियाल ,ट्रस्टी श्री सौरभ बिष्ट,सदस्य राकेश जिरवान,कु. श्वेता एवं कु. वंदना नेगी ,जन सरोकारों से जुड़े श्री अनिल स्वामी , डॉ. अशोक बडोनी, डॉ. हर्षमणि पाण्डेय,श्री डी. पी. खंडूड़ी,  रा. माध्यमिक शिक्षक संघ टिहरी के जिलाध्यक्ष श्री दिलवर रावत, शगुन रेस्टोरेंट एवं वेडिंग पॉइंट के श्री प्रमोद उनियाल,रीजनल रिपोर्टर की श्रीमती गंगा असनोड़ा , श्रीमती उपासना भट्ट,श्रीमती मीना डोभाल , कवयित्री श्रीमती सायिनी उनियाल , श्रीमती अनीता काला, श्री प्रभाकर बाबुलकर,श्री नंदकिशोर नैथानी, श्री राजेश बडोनी,श्री कुलदेव रावत सहित कई अन्य शिक्षक एवं  मीडिया जगत से डॉ. श्रीकृष्ण उनियाल, श्री गोपी मैठाणी, श्री धनवीर बिष्ट, श्री तेजपाल चौहान,पौड़ी से डॉ. कमलेश मिश्रा एवं प्रसिद्ध दिवंगत कालजयी चित्रकार बी. मोहन जी के सुपुत्र श्री आशीष मोहन नेगी जी,उत्तरकाशी से श्री दीपेंद्र सिंह, SRT टिहरी से श्री शुभम कंडारी एवं श्री सोबत सिंह, गोपेश्वर से डॉ. मोनिश कुमार आदि की गरिमामयी उपस्थिति थी।
       

कार्यक्रम के अंत में आखर ट्रस्ट के संस्थापक एवं अध्यक्ष संदीप रावत द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी विद्वतजनों का आभार व्यक्त किया।
                                        संदीप रावत
                                     अध्यक्ष/संस्थापक 
                                     आखर चैरिटेबल ट्रस्ट
                                        श्रीनगर गढ़वाल।

Tuesday, October 11, 2022

''मेरा जीवन से जुड्यां कुछ किस्सा, मेरा जीवन का हिस्सा " -संदीप रावत ,न्यू डांग , श्रीनगर गढ़वाल ।

''मेरा जीवन से जुड्यां कुछ किस्सा, मेरा जीवन का हिस्सा "
        -संदीप रावत ,न्यू डांग , श्रीनगर गढ़वाल ।
      पौड़ी जिला का इंटर कॉलेज वेदीखाल (वीरोंखाल ब्लॉक )मा मेरा पिताजी श्री महावीर सिंह रावत एक शिक्षक छायि अर मेरी दर्जा एक बटि हाई स्कूल तकै पढ़ै वखि ह्वे छै। हम हफ्ता - द्वी हफ्ता मा अपणा गौं अलखेतू- कसाणी (पोखड़ा ब्लॉक )आणा -जाणा रौंदा छायि किलैकि माँजि पैलि वखि रौंदि छै। हमारा चौका तिरवाल दळम्या डाळाे छौ। ब्वेन बतै छौ कि वा डाळी मेरा दादा जीन लगै छै। मेरा अपणा दादा जी नि देख्यां छा, पण वे दळम्या डाळा का रूप मा मि वूं तैं देख्यदु छौ।। जब बि मि छ्वटु छौ अर घार जांदु छौ त वे डाळा नीस बैठी पढ़दु बि छौ अर गीत बि लगांदु अर मिसांदु छौ। मेरु जलम अपणा ही गौं मा ह्वे छौ त मि तैं याद छ कि - वे दळम्या डाळा नीस ब्वे बि बैठदि छै अर मि अपणी ब्वे कि खुचली मा बैठदु छौ, उंगदु छौ। वे ही डाळा सामणी मि कथगै बार गोली -गुच्छी खेल्दु छौ अर ब्याखुनि दां अपणा दगड़्याें दगड़ा गप्प -सप्प लगांदु छौ। वु दळम्या डाळाे बि एक तरों से मेरु दगड़्या छौ। वे दगड़ि कतगै बार मि यखुली मा बच्यांदु बि छौ।
मेरा पिताजी को ट्रांसफर देवप्रयाग ह्वे ग्ये त दर्जा दस कन्नौ बाद जब हम सब्या लोग बि र यानि देवप्रयाग ऐग्यो। जन कि यख होंद ही छ, चाहे मजबूरी मा ही होंद, पर - 'पोथीला बि फुर्र उड़ीनी अपणा घोलु छोड़िक ' अर फिर हम सब्या श्रीनगरा तरफां ऐ गयां। मतलब मेरी ब्वे बि हम दगड़ा ऐग्ये त वां का कुछ टैम बाद तक बि मैना - द्वी मैना अपणा गौं मा हमारि आणि - जाणी लगीं रै। पर, व्यस्तता अर दूर होणा वजौ से बाद मा आणि - जाणि जरा कम ह्वे गे छै । हर्बी -हर्बी कैरिक बगत बि सौंफळी मारी सटगणु रै। ब्वे -बुबा, बड़ों अर गुरुजनों आशीर्वाद से मि बि मास्टरी नौकरी परैं लगि गयूं अर ब्योबंद बि ह्वे गे।
अपणा गौं जाणे भारी रौंस लगीं रांदि छै त ब्याे का कुछ टैम बाद एक दिन मि रैट -पैट ह्वेकि अपणी ब्वारि दगड़ा अपणा गौं पौंछि गयूँ एक दिन। हौरि जगौं कि तरौं मेरा गौं मा बि अब भौं कुछ बदलि ग्ये छौ । मथी अपणि कुलदेवी (भगवती )दर्शन कन्ना बाद जब मि अपणा चौक मा पौंछयुं त क्या देख्दु कि - वु दळम्या डाळाे कट्ये गे छौ। जब मिन यो देखि त हकदक रै गयूं। सुन्नताळ ह्वे ग्ये मी कु तैं। मेरा दादाजी लगाईं वा डाळी यानि वा निशानी अब नि रै। मेरी आंख्यूं मा अंसधरि अर मेरा दिल परैं क्या बीती, मी जाणदु। अब क्या ब्वन? जौंन वे दलम्या डाळाे काटि छौ वू बि हमारा ही स्वारा-भारा छा अर वून बोलि कि - मजबूरी मा यो काम ह्वे। ज्यू त ब्वन्नू छौ कि अंगर्याळ बणी छिबटी जौं वूं पर, पर क्या कन्न। मि बि एक -द्वी दिन बाद अपणी घरवाळी दगड़ा श्रीनगर ऐ गयूँ। भौत दिन तक वो दळम्या डाळाे मेरी आंख्यूँ मा रिटणु रै।
हमारा जीवन मा इन घटना घटणी रौंदन जो कि बाद मा यि घटना किस्सा बणी जांदन अर किस्सा कथों रूप ले लिंदन। ठीक इन्नी यो किस्सा बि मेरा 'उदराेळ ' कथा संग्रै कि कथा ' दळम्या डाळाे ' रूप मा ये कथा संग्रै को एक हिस्सा बणी।
      इन्नी हौरि छ एक किस्सा मेरा छवट्टा -छौंद कु।गलतियों पर अपणा पिताजी घप्पक बि भौत खईं मेरी, जो कि मेरा वास्ता एक तरों से प्रसाद ही छौ। जब दर्जा सात मा छौ त एक बार मि दगड़यों दगड़ी वेदिखाल मा बस अड्डा से जरा दूर किसाणा गौं तरफां गयां छा अर वख एक पाणी हौज छै। जब हम वां का माथ अटगणा छायि त मि कलतम्म वीं हौज मा पड़ी गयूं । असंद क्या मोरण-बचण ह्वे ग्ये मी खुणी। मी दगड़ा छोरोंन तब हल्ला मचायि अर क्वी सयाणु आदिम उना बटि जाणा छायि त वूंन भैर निकाल मि तैं। वे दिन नै जिंदगी मिली छै मि तैं, किलैकि थोड़ा हौरी देर होंदी त ह्वे गे छै सांस बंद । सकस्याट ह्वे गे छौ बिजाम । य खबर मेरा घर मा माँ - पिताजि तक बि पौंछि गे छै। ब्वे त ब्वे ही होंद, र,वे -र,वेकि बुरा हाल छा ब्वे का। पिताजिन त भली कैरिक क्लास लियाली छै मेरी... कि किलै दनकणा छायि वख? अर फिर तब त दगड़ा मा सुटान बि। बाद मा फिर हम दगड़्या वीं तरफां जरूर जांदा छायि पर वीं हौज का धोरा नि जांदा छा।

         भौत सारा संस्मरण मेरी साहित्यिक जात्रा से जुड्यां छन। बाद मा 'गढ़वाळि भाषा अर साहित्य कि विकास जात्रा(चौदवीं शताब्दी बटि अबारि तक  गढ़वाळि भाषा -साहित्य को ऐतिहासिक विकास क्रम)' ज्वा सन् 2014 मा प्रकाशित ह्वे, ईं पुस्तक तैं लिखण से पैलि अर ईं पुस्तक का लिखणा दौरान वां से जुड़यां कतगै संस्मरण छन। पर, एक घटना कु जिक्र मि जरूर कन्न चांदु। सन 2012 मा देवप्रयाग मि गढ़वाळि भाषा सम्बन्धी ऐतिहासिक धरोहराें साक्ष्य (ताम्रपत्र, रजत पत्र, शिलालेख आदि )देखणा गयुं। जब ये दौरान मि 'खेत्रपाल मंदिर ' मा द्वार अभिलेख देखणु गयूं त, वख वे टैम पर कर्नाटकाै एक सनक्या पुजारी छौ। मिन द्वार अभिलेख त देखियाली छौ, पर तबार्यूं वु पुजारी ऐ गे अर वेन मि तैं डरैकि सड़क तक दौड़े दे। बाद मा मि तैं पता लगी कि वो पुजारी दिमाग से जरा हिल्यूं छाै ।
      इन्नी एक हौरि घटना छ। हमारि श्रीनगर गढ़वाळ का रामलीला मैदाना सामणी दुकान छ । मि बि पैलि अपणी दुकान मा बैठदु छौ। फरवरी सन 2011 मा एक दिन ब्याखुनि दां मि अर बड़ो भै संजय रावत दुकान बढ़ाैणा छा। मेरी वे बगत गिच्चा मा टाैफी रखीं छै। अचंणचक वा टाैफी मेरी गौळी मा अटकि गे त मेरी सांस बि अटकि गे । बस! वे बगत मोरणी - बचणी ह्वे गे छै मै कु तैं। मेरु बड़ो भै बि खाैळयूं रै गे अर फिर वेन मेरी पीठ अर धाैण परैं मारी त मेरी गौळी मा फसीं टाैफी भैर निकलि गे । ईं घटना तुरंत बाद ही ' एक लपाग ' कि य रचना - " भैर भितर आंदा-जांदा सांस च य जिंदगी " उपजि।
       इलैइ बोलदन कि - मनखी तैं जो कुछ बि मिल्द हैंका बटि मिल्द, अपणा समाज अर प्रकृति बटि मिल्द, अपणा अनुभवाें से मिल्द अर ये संग्सार मा मनखि अफुं दगड़ा कुछ बि लेकि नि आन्दु। इलैइ मिन बि जो बि पायि अर जो बि सीखि होर्यूं बटि पायि , ये समाज, प्रकृति अर अनुभवाें से पायि ।
                                         संदीप रावत 
                             न्यू डांग , श्रीनगर गढ़वाल 
                                 मो - 9411155059 
नोट - मेरा जीवन का यो कुछ किस्सा श्री गिरीश बडोनी जी अर श्री अनिल सिंह नेगी जी द्वारा सम्पादित, सन् 2021 मा प्रकाशित पुस्तक 'किसम -किसमा किसमा ' पुस्तक मा 'दळम्यो डाळाे ' नौ से प्रकाशित छन।