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(1) एक लपाग ( गढ़वाली कविता-गीत संग्रह)- समय साक्ष्य, (2) गढ़वाळि भाषा अर साहित्य कि विकास जात्रा (गढ़वाली भाषा साहित्य का ऐतिहासिक क्रम )-संदर्भ एवं शोधपरक पुस्तक - विन्सर प्रकाशन, (3) लोक का बाना (गढ़वाली आलेख संग्रह )- समय साक्ष्य, (4) उदरोळ ( गढ़वाली कथा संग्रह )- उत्कर्ष प्रकाशन ,मेरठ


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Monday, November 20, 2023

सुभाष इंटर कॉलेज थौलधार के गणित प्रवक्ता श्री राजेश चमोली को मिला 'शिवदर्शन सिंह नेगी स्मृति आखर विज्ञान शिक्षक सम्मान, वर्ष -2023' -संदीप रावत(आखर ), श्रीनगर गढ़वाल।

श्रीनगर गढ़वाल -
    राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित आदर्श शिक्षक स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी  की जयन्ती के उपलक्ष्य पर थौलधार के शिक्षक राजेश चमोली को मिला  'शिवदर्शन सिंह नेगी स्मृति आखर विज्ञान शिक्षक सम्मान, वर्ष -2023'
          
     विज्ञान- गणित शिक्षण के क्षेत्र एवं विद्यालयी शिक्षा में नवाचार करने वाले  राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित आदर्श शिक्षक,स्व.शिवदर्शन सिंह नेगी  की जयन्ती  के उपलक्ष्य में आखर  ट्रस्ट द्वारा  स्व. नेगी जी के जीवन एवं कार्यों पर केंद्रित' व्याख्यान' एवं ' विज्ञान शिक्षक सम्मान समारोह' आयोजित किया गया ।  स्व.नेगी जी की जयन्ती के उपलक्ष्य में आखर ट्रस्ट का यह तृतीय आयोजन था। यह आयोजन गोला बाजार श्रीनगर गढ़वाल स्थित अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन कार्यालय में किया गया।
      कार्यक्रम में इस वर्ष 'शिवदर्शन सिंह नेगी स्मृति आखर विज्ञान शिक्षक सम्मान,वर्ष -2023 'विद्यालयी शिक्षा स्तर पर  विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र में  नवाचारी प्रयोग करने, शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु दूरस्थ क्षेत्र  सुभाष इंटर कॉलेज थौलधार के शिक्षक श्री राजेश चमोली को प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप सम्मानित शिक्षक को अंगवस्त्र,सम्मान पत्र, विशेष आखर स्मृति चिह्न एवं पाँच हजार एक सौ (5100/-) रुपए की धनराशि भेंट की गई।
         कार्यक्रम की शुरुआत मंचासीन  अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन,स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी  के चित्र पर माल्यार्पण /पुष्पांजलि अर्पण,पॉलिटेक्निक की छात्राओं कु.अंजलि भंडारी,कु.सलोनी,कु.कामनी  द्वारा गढ़वाली सरस्वती वंदना की प्रस्तुति से हुई। 
         कार्यक्रम के  माननीय मुख्य अथिति  पूर्व विभागाध्यक्ष - गणित, हे.न.ब. गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय,प्रोफेसर डी.एस.नेगी जी ने 'आखर ट्रस्ट' की इस  पहल की सराहना करते हुए कहा कि  - 'स्व. नेगी जी जिन्होंने समाज एवं शैक्षिक जगत में अपना जो चिर स्मरणीय योगदान दिया है, उन कार्यों को याद किया जाना बहुत आवश्यक है।' साथ ही इस अवसर पर माननीय मुख्य अतिथि जी ने  Motivation & Mind Science पर भी वक़्तव्य रखा।
      आखर के अध्यक्ष  संदीप रावत ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए  कहा कि यह कार्यक्रम उनकी जयन्ती के सुअवसर पर हर वर्ष आयोजित किया  जाएगा, ताकि उनके द्वारा समाज एवं शिक्षा क्षेत्र में किए गए कार्यों से अन्य शिक्षक साथी भी प्रेरित हो सकें ।
       अति विशिष्ट अतिथि अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के डॉ. प्रदीप अंथवाल जी ने इस अवसर पर कहा कि स्व.नेगी जी ने शिक्षा के क्षेत्र,छात्र हित एवं समाज में सदैव अग्रणीय भूमिका निभाई।साथ ही कहा कि - 'एक आदर्श शिक्षक की स्मृति में  किसी शिक्षक द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किसी वर्तमान आदर्श शिक्षक को सम्मानित करना यह प्राय: कम ही दिखाई देता है।' 
       विशिष्ट अतिथि  पौड़ी जनपद के राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष  बलराज सिंह गुसाईं जी ने इस अवसर पर कहा कि -' स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी एक आदर्श शिक्षक थे एवं  सभी शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं।'साथ ही गढ़वाली भाषा के संरक्षण एवं विकास हेतु  आखर द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की।
      गणित प्रवक्ता डॉ. हर्षमणि पाण्डेय जी ने  स्व.शिवदर्शन सिंह नेगी जी द्वारा रचित 'विज्ञान -गणित गीतिका' ' पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि- 'विज्ञान-गणित गीतिका ' पुस्तक में स्व.नेगी जी ने विज्ञान और गणित के सिद्धांतों को पहेली, गीत,संवाद और कहानी के माध्यम से बहुत रोचक और व्यावहारिक ढंग से समझाया है।
      सम्मानित होने वाले शिक्षक राजेश चमोली ने कहा कि -'यह सम्मान मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण एवं गौरव की बात है क्योंकि स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी एक ऐसी महान विभूति हुए हैं जिनका व्यक्तित्व हम सभी शिक्षकों  एवं समाज के लिए  प्रेरणादायी था। शिक्षा जगत में उनके अवदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। साथ ही कहा कि अपने शिक्षक के हाथों सम्मानित होना मेरा सौभाग्य है।'
         कार्यक्रम में दिवंगत शिवदर्शन सिंह नेगी जी के परिवार से श्री आदित्य पटवाल   ने स्व. नेगी जी के जीवन से जुड़े कुछ अनछुए पहलुओं को सबके सम्मुख रखा। साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित सभी का आभार व्यक्त किया।
          कार्यक्रम का संचालन  गढ़वाल  केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.नीतेश बौंठियाल जी ने किया। प्रवक्ता दीवान सिंह मेवाड़ जी ने स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी का व्यक्तित्व, उनके द्वारा शिक्षा जगत और समाज में दिए योगदान को सबके सम्मुख रखा। शिक्षक  अमन ममगाईं जी ने सम्मानित होने वाले शिक्षक  राजेश चमोली जी का परिचय एवं शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्य सबके सम्मुख रखा।रा.इ.कॉलेज पौड़ी से आए प्रवक्ता एवं भूपेंद्र सिंह नेगी जी ने सम्मान पत्र का वाचन किया।
       कार्यक्रम एवं सम्मान समरोह में ट्रस्टी  रेखा चमोली,  लक्ष्मी रावत(संस्थापक,आखर ट्रस्ट ),ट्रस्टी दीवान सिंह मेवाड़,  प्रसिद्ध समाज सेवी एवं आंदोलनकारी अनिल स्वामी,ट्रस्ट की कु.श्वेता पंवार,ट्रस्ट की साक्षी रावत,चित्रकार हिमांशु,रीजनल रिपोर्टर की संपादक  श्रीमती गंगा असनोड़ा थपलियाल, स्व.नेगी जी के परिवार से श्री आदित्य पटवाल एवं श्रीमती स्नेहा पटवाल,शोधार्थी एवं ट्रस्ट के राकेश जिर्वाण हंस, स्व.नेगी जी के परिवार से श्री आदित्य पटवाल एवं श्रीमती स्नेहा पटवाल, बिलकेदार से सुमित,ट्रस्टी श्रीमती अंजना घिल्डियाल,ट्रस्ट के भूपेंद्र सिंह नेगी , श्री नन्द किशोर नैथानी, कवयित्री  राधा मैंदोली, शिक्षिका उमा चौहान , शिक्षिका अंजू शाह शिक्षिका बीना मेहरा, शिक्षक डॉ.अशोक बडोनी, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनीष चमोली, शिक्षक श्री संतोष पोखरियाल,शिक्षक श्री महेंद्र सिंह नेगी,श्रीमती ज्योति रावत, श्रीमती ज्योति जैन मेवाड़ , श्री चंद्रशेखर मेवाड़, अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन से नरेश सहित कई अन्य शिक्षकों की गरिमामयी उपस्थिति थी।
        अन्त में 'आखर ट्रस्ट 'के अध्यक्ष संदीप रावत ने  कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह मे उपस्थित सभी मंचासीन अतिथियों एवं सभी सम्मानित अतिथियों, कार्यक्रम में उपस्थित आखर के सभी सदस्यों, अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन श्रीनगर गढ़वाल,ट्रस्ट की संरक्षक  एवं स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी धर्मपत्नी श्रीमती बिमलेश्वरी नेगी जी का  आभार व्यक्त किया।
       
      

         
       
         
         यह सम्मान समारोह  'स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी की धर्मपत्नी,अवकाश प्राप्त शिक्षिका एवं ट्रस्ट की संरक्षक आदरणीय श्रीमती बिमलेश्वरी नेगी जी के सहयोग से आयोजित किया गया ।इस कार्यक्रम का आयोजन  'आखर  ट्रस्ट ' द्वारा स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी की जयन्ती के उपलक्ष्य में हर वर्ष आयोजित किया जाता रहेगा । 
                                        
  
   
  
   

Thursday, June 1, 2023

गढ़वाली रचना - बलिदान ©संदीप रावत, आखर, न्यू डांग श्रीनगर गढ़वाल।

              'बलिदान'

कै खुणि
अर! के खुणि
हुईं होलि
य सगर -बगर?
उठापोड़
अर! खदर-बदर,
सैद!फेर तैयारी छ
कखि कैs
चिरान -कटानै
अर!पुराणि पछयाण मिटाणैअजकालै सभ्यता 
अर! बिकास का नौ परैं।
        ©संदीप रावत, आखर
              श्रीनगर गढ़वाल।



Tuesday, July 26, 2022

गढ़वाली रचना -सीख ©संदीप रावत, न्यू डांग-ऐठाणा,श्रीनगर गढ़वाल

    ' सीख '
भलि छ तुमारि
य भारि जीत,
पण! मि खुणि छ
य प्यारि सीख।
गद्यरा रुसायां छन त
क्वी बात नि,
एक पंद्यारु भौत छ
बुझौणा खुणि मेरि तीस।
            ©संदीप रावत, न्यू डांग-ऐठाणा
                 श्रीनगर गढ़वाल।


Saturday, January 2, 2021

कोटद्वार में "आखर संस्था" के अध्यक्ष व गढ़वाली साहित्य सेवी संदीप रावत को मिला "हिमाद्रि रत्न -वर्ष 2020 " सम्मान

**गढ़वाली भाषा -  साहित्य में दिए जा रहे योगदान  हेतु  आखर संस्था के अध्यक्ष एवं साहित्य सेवी संदीप रावत को   मिला  वर्ष 2020 का  "हिमाद्रि  रत्न "  सम्मान**
    
    कोटद्वार गढ़वाल की  वर्षों पुरानी एवं प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था "साहित्यांचल ",  द्वारा    गढ़वाली भाषा - साहित्य  के सम्बर्धन  हेतु किए जा रहे कार्यों को देखते हुए 
 आखर संस्था के अध्यक्ष व  गढ़वाली लेखक  संदीप रावत को   "हिमाद्रि  रत्न -वर्ष 2020 "सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान "स्व.सीताराम ढौंडियाल  " की स्मृति में प्रतिवर्ष दिया जाता है, जो कि विगत 23 वर्षों से निरन्तर सुप्रसिद्ध साहित्यकारों, समाज में विशिष्ट योगदान देने वालों को दिया जा रहा है। "हिमाद्रि रत्न सम्मान "की संचालिका डॉ. मनोरमा ढौंडियाल हैं। 
      यह सम्मान समारोह देवी मंदिर रोड, संगम रिसोर्ट, कोटद्वार मे  नए वर्ष के प्रथम दिवस यानि 01 जनवरी 2021 को आयोजित  हुआ  । सम्मान समारोह  का संचालन साहित्यकार श्री  चंद्र प्रकाश नैथानीने किया एवं  अर अध्यक्षता "साहित्यांचल साहित्यिक संस्था " के  वर्तमान अध्यक्ष   श्री एस. पी. कुकरेती ने की ।  
    इस अवसर पर "आखर "  के अध्यक्ष  संदीप रावत ने कहा कि - यह सम्मान गढ़वाली भाषा - साहित्य का सम्मान है ,  गढ़वाली भाषा -साहित्य को समर्पित "आखर " समिति का सम्मान है । संदीप रावत ने इस सम्मान हेतु डॉ. 
नन्दकिशोर ढौंडियाल , हिमाद्रि रत्न सम्मान की संचालिका डॉ. मनोरमा ढौंडियाल एवं साहित्यांचल साहित्यिक संस्था,  कोटद्वार  का आभार एवं  व्यक्त किया। 
     इस कार्यक्रम मे   वरिष्ठ साहित्यकार व  इतिहासकार डॉ . रणवीर सिंह चौहान  ,  साहित्यकार  डॉ. ख्यात सिंह चौहान , साहित्यांचल साहित्यिक संस्था के  संस्थापक सदस्य 91 वर्षीय   श्री चक्रधर प्रसाद कमलेश जी,   श्री जनार्दन  बुड़ाकोटी,  वरिष्ठ  साहित्यकार श्री अनुसूया प्रसाद डंगवाल , डॉ. श्रीविलास बुड़ाकोटी,  श्री  लल्लन   बुड़ाकोटी,  कवयित्री  रिद्धि भट्ट संगीता उनियाल , जयदीप उनियाल, मंजुल ढौंडियाल , हिमाद्रि प्रिंटिंग प्रेस के  मोहित रावत, कोटद्वार के संदीप रावत,  डॉ. नन्द किशोर ढौंडियाल के परिवारिक   सदस्यों के  साथ  कोटद्वार के अन्य प्रबुद्धजन व लेखक  उपस्थित थे। 
     इस अवसर पर डॉ. नन्द किशोर ढौंडियाल को भी उनकी सेवानिवृति पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया। आखर के अध्यक्ष व गढ़वाली भाषा -साहित्य सेवी संदीप रावत ने अपने गुरु डॉ. नन्दकिशोर ढौंडियाल के हाथों से यह प्रतिष्ठित सम्मान ( हिमाद्रि रत्न ) प्राप्त होने पर खुद को बहुत गौरवान्वित महसूस किया। 

Tuesday, November 10, 2020

जीवन दर्शन कि तरफां प्रेरणा देण वल़ि वैचारिक सोच का संवाहक छन "तू हिटदि जा " का गीत - विवेकानंद जखमोला "शैलेश "

        जीवन दर्शन कि तरफां प्रेरणा देण वल़ि वैचारिक सोच का संवाहक छन "तू हिटदि जा " का गीत
                    - विवेकानंद जखमोला ' शैलेश '

             गढ़साहित्य का दैदीप्यमान सूरज बड़ा भैजि आदरणीय संदीप रावत जी कु गढभाषा संरक्षण अर संवर्द्धन का वास्ता समर्पण भाव ही चा कि एक रसायन विज्ञान का शिक्षक कि कलम गढ साहित्य का नित नया सोपान गढदि जाणि च।
         औपचारिक लेखन का श्रीगणेश कन से ल्हेकि अब तक कि साहित्य जात्रा मा "एक लपाग "बटि कदम - कदम बढैकि "गढवाल़ि साहित्य की विकास जात्रा "का रुप मा एक ऐतिहासिक दस्तावेज (शोध रचना) की अनमोल म्यल़ाग का दगड़ि गद्य अर पद्य द्विया विधौं मा आपल अपड़ि रचनात्मक भूमिका कु सशक्त ठौ बणै यालि। अब तलक आपल द्वी गढ़वळि गीत कविता संग्रै(एक लपाग अर तू हिटदी जा) , अर तीन गद्य संग्रै (शोध ग्रंथ , लोक का बाना -गढ़वळि लेख संग्रै अर उदरोळ गढ़वळि कथा संग्रै) रूपी मोत्यूं दगड़ा दगड़ि कतगै रचना इंटरनेट अर विभिन्न पत्र-पत्रिकों माध्यम से गढभाषा कि स्वाणि माळा मा गंठे यलिं ।
यूं मोत्यूं मद्ये द्वी मोती 'उदरोळ ' अर 'तू हिटदी जा' मे थैं बि उपहार स्वरूप पाणौ सौभाग्य मिलि।
गीत संगीत मा रुचि होणा वजै से मिल बि पैलि भैजि कु स्वाणु गढ़वाळि गीत संग्रै "तू हिटदी " जा फरै हि अपड़ु ध्यान केंद्रित करि। जनि - जनि रचनौं थैं पढदि ग्यों, तनि-तनि जिकुड़ि आनंद विभोर ह्वै गे। कविता पोथि चार उपभागुं मा गंठेयीं चा। हमारि रीति नीति अर संस्कृति का पालन विधान का दगड़ि ' पैलु भाग 'ज्ञानदायिनी मां भगवती सरसुति, क्षेत्रीय द्यौ द्यब्तौं अर देवभूमि उत्तराखंड थैं समर्पित च। जै मा तीन सरसुति वंदना, चार गढ वंदना, मातृ वंदना(स्वर्गीय माता जी थैं समर्पित) अर ईष्ट द्यौ घंड्याळ वंदना दगड़ि, भारत का सीमा प्रहर्यूं थैं समर्पित भाव प्रस्तुत छन।
        'दुसरु भाग ' गौं, पाड़ अर देश थैं समर्पित चा।
'तिसरा भाग' मा ऋतु, बार त्युहार अर बग़्वाळ की सैंदिष्ट अन्वार दिखेंद अर 'चौथा' सबसे महत्वपूर्ण भाग मा माया का रंगुं दगड़ि प्रेरणा अर जीवन दर्शन का रंग मा रंग्यां रस भ्वर्यूं गीत समोदर भोरि धर्यूं । पोथि कु शीर्षक गीत 'तू हिटदी जा 'ये ही भाग मा समाहित चा।
          प्रार्थनौं मा जख स्व बुद्धि निर्माल्य की कामना करीं च वखि जन कल्याण कु पुनीत भाव बि समैयूं चा।गौं, मुलुक, देश थैं समर्पित गीतुं मा गढभूमि जलमभूमि अर भारत भूमि से प्रेम का दगड़ि गौं मुलुक देश का विकासै कामना कु पुनीत भाव तऽ समैयूं ही च, वैका दगड़ि समाजै दशा दिशा फरै चिंता का भाव बि गीतकार का माध्यम से सब्यूं कि जिकुड़ि थैं झकझोरणा वास्ता बिंबित होणा छन।ऋतु गीतुं मा जख ऋतूं कि स्वाणि झलक मिलद वखि बार- त्युहारूं की रंगत बि दिख्यांद । माया, प्रेरणा अर दर्शन का गीतुं मा गैरि प्रीत का रंगुं दगड़ि, प्रेरित कन वल़ा भाव अर जीवन दर्शन का गैरा भाव बिंगांदा गीत समाहित कर्यां छन।
      आपका गीत जन कल्याण, नारी सशक्तिकरण, प्रकृति प्रेम का दगड़ि जीवन दर्शन कि तरफां प्रेरणा देण वल़ि वैचारिक सोच का संवाहक छन। मां सरसुति कु आशीर्वाद आपै कलम- कंठ का दगड़ि हम सब्यूं फरै बि सदनि सपरिवार बण्यूं रयां । गढभाषा विकास का वास्ता आपै कलम सदानि प्रयासरत रयां। आपै स्वस्थ मस्त अर प्रसन्नचित दीर्घआयुष्य की सुकामना दगड़ि नयी रचना की आस मा आपऽकु-
                          विवेकानंद जखमोला ' शैलेश '