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Saturday, January 2, 2021

कोटद्वार में "आखर संस्था" के अध्यक्ष व गढ़वाली साहित्य सेवी संदीप रावत को मिला "हिमाद्रि रत्न -वर्ष 2020 " सम्मान

**गढ़वाली भाषा -  साहित्य में दिए जा रहे योगदान  हेतु  आखर संस्था के अध्यक्ष एवं साहित्य सेवी संदीप रावत को   मिला  वर्ष 2020 का  "हिमाद्रि  रत्न "  सम्मान**
    
    कोटद्वार गढ़वाल की  वर्षों पुरानी एवं प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था "साहित्यांचल ",  द्वारा    गढ़वाली भाषा - साहित्य  के सम्बर्धन  हेतु किए जा रहे कार्यों को देखते हुए 
 आखर संस्था के अध्यक्ष व  गढ़वाली लेखक  संदीप रावत को   "हिमाद्रि  रत्न -वर्ष 2020 "सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान "स्व.सीताराम ढौंडियाल  " की स्मृति में प्रतिवर्ष दिया जाता है, जो कि विगत 23 वर्षों से निरन्तर सुप्रसिद्ध साहित्यकारों, समाज में विशिष्ट योगदान देने वालों को दिया जा रहा है। "हिमाद्रि रत्न सम्मान "की संचालिका डॉ. मनोरमा ढौंडियाल हैं। 
      यह सम्मान समारोह देवी मंदिर रोड, संगम रिसोर्ट, कोटद्वार मे  नए वर्ष के प्रथम दिवस यानि 01 जनवरी 2021 को आयोजित  हुआ  । सम्मान समारोह  का संचालन साहित्यकार श्री  चंद्र प्रकाश नैथानीने किया एवं  अर अध्यक्षता "साहित्यांचल साहित्यिक संस्था " के  वर्तमान अध्यक्ष   श्री एस. पी. कुकरेती ने की ।  
    इस अवसर पर "आखर "  के अध्यक्ष  संदीप रावत ने कहा कि - यह सम्मान गढ़वाली भाषा - साहित्य का सम्मान है ,  गढ़वाली भाषा -साहित्य को समर्पित "आखर " समिति का सम्मान है । संदीप रावत ने इस सम्मान हेतु डॉ. 
नन्दकिशोर ढौंडियाल , हिमाद्रि रत्न सम्मान की संचालिका डॉ. मनोरमा ढौंडियाल एवं साहित्यांचल साहित्यिक संस्था,  कोटद्वार  का आभार एवं  व्यक्त किया। 
     इस कार्यक्रम मे   वरिष्ठ साहित्यकार व  इतिहासकार डॉ . रणवीर सिंह चौहान  ,  साहित्यकार  डॉ. ख्यात सिंह चौहान , साहित्यांचल साहित्यिक संस्था के  संस्थापक सदस्य 91 वर्षीय   श्री चक्रधर प्रसाद कमलेश जी,   श्री जनार्दन  बुड़ाकोटी,  वरिष्ठ  साहित्यकार श्री अनुसूया प्रसाद डंगवाल , डॉ. श्रीविलास बुड़ाकोटी,  श्री  लल्लन   बुड़ाकोटी,  कवयित्री  रिद्धि भट्ट संगीता उनियाल , जयदीप उनियाल, मंजुल ढौंडियाल , हिमाद्रि प्रिंटिंग प्रेस के  मोहित रावत, कोटद्वार के संदीप रावत,  डॉ. नन्द किशोर ढौंडियाल के परिवारिक   सदस्यों के  साथ  कोटद्वार के अन्य प्रबुद्धजन व लेखक  उपस्थित थे। 
     इस अवसर पर डॉ. नन्द किशोर ढौंडियाल को भी उनकी सेवानिवृति पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया। आखर के अध्यक्ष व गढ़वाली भाषा -साहित्य सेवी संदीप रावत ने अपने गुरु डॉ. नन्दकिशोर ढौंडियाल के हाथों से यह प्रतिष्ठित सम्मान ( हिमाद्रि रत्न ) प्राप्त होने पर खुद को बहुत गौरवान्वित महसूस किया। 

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