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Wednesday, August 14, 2019

गढ़वाली रचना - "रखड़ी कु त्योहार "(© संदीप रावत ,न्यू डांग ,श्रीनगर गढ़वाल )

                 " रखड़ी कु त्योहार "

रखड़ी - धागू बंधौंणौ जाणा
भैs ,बैण्यू का घार ,
कखी छन बैsणी आणी-जाणी
अपणा भैय्यूं का ध्वार |
          
           द्यो-द्यबतौं से मंगणी बैsणी
           भैय्यूं कि राजि-खुसि अर प्यार ,
           भैs बि , बैण्यूं  रग्सा खातिर
            कन्नाs सौं-करार  |

रखड़ी-धागों रूप मा द्येखा
अयूं छ भलु त्योहार ,
भै-बैण्यूं का बीच खत्येणू
संग्तिs प्यार -उल्यार  |
     -ऐग्ये रखड़ी कु त्योहार ,ऐग्ये रखड़ी कु त्योहार..
         © संदीप रावत ,न्यू डांग ,श्रीनगर गढ़वाल |

       
    

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