" रखड़ी कु त्योहार "
रखड़ी - धागू बंधौंणौ जाणा 
भैs ,बैण्यू का घार ,
कखी छन बैsणी आणी-जाणी
अपणा भैय्यूं का ध्वार |
           
           द्यो-द्यबतौं से मंगणी बैsणी 
           भैय्यूं कि राजि-खुसि अर प्यार ,
           भैs बि , बैण्यूं  रग्सा खातिर
            कन्नाs सौं-करार  |
रखड़ी-धागों रूप मा द्येखा 
अयूं छ भलु त्योहार ,
भै-बैण्यूं का बीच खत्येणू 
संग्तिs प्यार -उल्यार  |
     -ऐग्ये रखड़ी कु त्योहार ,ऐग्ये रखड़ी कु त्योहार..
         © संदीप रावत ,न्यू डांग ,श्रीनगर गढ़वाल |
        
     
 
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